अवस्थी कॉलेज ऑफ लॉ में हिंदी दिवस पर अंतर-विभागीय भाषण प्रतियोगिता का हुआ आयोजन

#खबर अभी अभी नालागढ़ ब्यूरो*

14 सितंबर 2024

अवस्थी कॉलेज ऑफ लॉ ने साहित्य कला मंच, नालागढ़ के सहयोग से हिंदी दिवस के अवसर पर एक अंतर-विभागीय भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया। जिसमें विभिन्न विभागों के छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और हिंदी भाषा के महत्व पर अपने विचार प्रस्तुत किए। समारोह के मुख्य अतिथि चेयरमैन चन्दर शेखर अवस्थी, अवस्थी ग्रुप, नालागढ़, सोलन, हिमाचल प्रदेश, विशिष्ट अतिथि डायरेक्टर, अवस्थी ग्रुप ऋषव अवस्थी, हरिराम धीमान, सचिव, साहित्य कला मंच नालागढ़ प्रधानाचार्य,अवस्थी लॉ कॉलेज डॉ भूपेंद्र कुमार जोधटा, प्रधानाचार्य, अवस्थी वेटरनरी इंस्टिट्यूट, प्रधानाचार्य, अवस्थी आयुर्वेदिक हॉस्पिटल और प्रधानाचार्य, अवस्थी इंस्टिट्यूट ऑफ़ नर्सिंग, डॉ. प्रताप मोहन सदस्य, साहित्य कला मंच नालागढ़, प्रमोद हर्ष मीडिया सलाहकर, साहित्य कला मंच नालागढ़ व् अन्य अतिथि उपस्थित रहे

प्रधानाचार्य,अवस्थी लॉ कॉलेज डॉ भूपेंद्र कुमार जोधटा ने अपने संबोधन में कहा कि “हिंदी भाषा हमारी पहचान है और इस प्रकार के कार्यक्रम हिंदी के महत्व को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का बेहतरीन माध्यम हैं।” प्रतियोगिता में अवस्थी समूह के विभिन्न विभागों के कुल 16 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें प्रमुख थे: दिव्या, आंचल ठाकुर, दिपांशी, शिवानी, वंदना,निहारिका, आंचल, राजकुमार, अंशिता, प्रिया, रजनी, वर्षा, कशिश, नेहा, शैली, बबली।

 

 

प्रतियोगिता में प्रथम स्थान: दिव्या, ( विधि विभाग ), द्वितीय स्थान: दिपांशी (नर्सिंग विभाग) और तृतीय स्थान: आंचल (नर्सिंग विभाग   )

प्रतिभागियों ने तीन विषयों पर अपने विचार व्यक्त किए; नई पीढ़ी और हिंदी भाषा का भविष्य, हिंदी भाषा का तकनीकी युग में विकास और हिंदी का फिल्म और मीडिया पर प्रभाव

प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में प्रो. रणजोध सिंह, उपाध्यक्ष, नालागढ़ साहित्य कला मंच और श्रीमती सुमति सिंघल, कोषाध्यक्ष, नालागढ़ साहित्य कला मंच शामिल थे, जिन्होंने प्रतिभागियों के भाषणों का मूल्यांकन विभिन्न मापदंडों पर किया, जिसमें मौलिकता, प्रस्तुति, भाषा का प्रवाह, और श्रोताओं से जुड़ाव शामिल थे।

इस आयोजन के विशिष्ट अतिथि डायरेक्टर, अवस्थी ग्रुप ऋषव अवस्थी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, “हिंदी भाषा हमारी सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा है। तकनीकी युग में भी हिंदी की प्रासंगिकता बनी रहे, इसके लिए नई पीढ़ी को आगे आना होगा। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हिंदी केवल एक भाषा नहीं, बल्कि सामाजिक बदलाव का माध्यम बने।”

मुख्य अतिथि व् निर्णायक मंडल ने विजेताओं को ट्रॉफी और प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया इसके साथ ही सभी प्रतिभागियों को भागीदारी प्रमाण पत्र भी प्रदान किए गए। निर्णायक मंडल ने विद्यार्थियों को हिंदी भाषा में विचार व्यक्त करने के लिए प्रेरित किया और इस प्रकार के आयोजनों को भाषा के विकास के लिए आवश्यक बताया। रिराम धीमान, सचिव,साहित्य कला मंच,  ने सभी प्रतिभागियों और विजेताओं को बधाई दी और प्रतियोगिता के सफल आयोजन के लिए सभी का धन्यवाद किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।

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