कांगड़ा और मंडी संसदीय क्षेत्र में मिशन 2024 होगा एक मुश्किल काम

#खबर अभी अभी शिमला ब्यूरो*

09 जनवरी 2023

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने जिस तरह से अपनी कैबिनेट का गठन किया है, उससे कांगड़ा और मंडी संसदीय क्षेत्र में मिशन 2024 मुश्किल काम होगा। रविवार को बनाए सात मंत्रियों से क्षेत्रीय संतुलन नहीं बन पाया है। शिमला संसदीय क्षेत्र को ही पांच मंत्री मिले हैं। कांगड़ा और मंडी संसदीय क्षेत्रों को एक-एक मंत्री मिल पाए हैं। हमीरपुर मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री को पाकर पहले से ही हैवीवेट बना हुआ है।

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू और उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने 11 दिसंबर को शपथ ली थी। उसके बाद से ही राज्य मंत्रिमंडल गठन पर पहेलियां बुझाई जाती रहीं कि कहां कितने मंत्री बनेंगे। कांगड़ा संसदीय क्षेत्र की 17 विधानसभा सीटों मेें से 12 पर कांग्रेस जीती है, जबकि मंडी लोकसभा सीटों में इसका उल्टा हुआ है यानी मंडी में 17 में से 12 सीटों पर भाजपा जीती है।

कांगड़ा जिला ने 15 में से 10 सीटें भाजपा की झोली में डाली हैं। कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के चंबा जिले को कुलदीप सिंह पठानिया के रूप में विधानसभा अध्यक्ष मिले हैं, कांगड़ा जिला को एक मंत्री चंद्र कुमार ही दिए गए हैं। दो मुख्य संसदीय सचिव आशीष बुटेल और किशोरी लाल देकर ही फिलहाल इतिश्री कर ली गई है।

मुख्यमंत्री ने एक प्रधान सलाहकार आईटी को भी कैबिनेट रैंक दिया है। मंडी संसदीय क्षेत्र को तो एक मंत्री किन्नौर से जगत सिंह नेगी और एक मुख्य संसदीय सचिव कुल्लू जिला से सुंदर सिंह ठाकुर ही मिले हैं। मंडी जिला से एकमात्र कांग्रेस विधायक चंद्रशेखर जीते हैं, मगर यह सीट हमीरपुर संसदीय क्षेत्र का अंग है। इन तमाम समीकरणों से मंडी और कांगड़ा लोकसभा सीटों पर 2024 में होने जा रहे लोकसभा चुनाव के लिए सुक्खू सरकार के समक्ष चुनौती होगी। मंत्रियों के तीन पद अभी रिक्त हैं।

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