कृषि वानिकी प्रणालियों पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का हुआ आयोजन

#खबर अभी अभी सोलन ब्यूरो*

31 जुलाई 2023

अंतर्राष्ट्रीय वानिकी अनुसंधान संगठनों के सिल्विकल्चर डिवीजन के अनुसंधान समूह ने ‘दुनिया में कृषि वानिकी प्रणाली: अंतर और समानताएं’ विषय पर दो दिवसीय ऑनलाइन सम्मेलन का आयोजन हुआ, जिसमें भारत, केन्या, इथियोपिया, अमेरिका, स्पेन, नेपाल, नाइजीरिया, कैमरून, वियतनाम, जर्मनी, बांग्लादेश, ऑस्ट्रिया, आदि सहित विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

सम्मेलन में जैव-भौतिक और सामाजिक-आर्थिक पहलुओं पर चल रही गतिविधियों को संबोधित किया गया। वृक्ष-फसल संपर्क, पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं और सामाजिक-आर्थिक विचारों के लिए खेत में पेड़ों को अपनाने के मुद्दों पर 26 प्रस्तुतियाँ इस सम्मेलन का हिस्सा रहीं। पुर्तगाल से डॉ. एना क्रिस्टीना गोंसाल्वेस, नेपाल से डॉ. स्वयंभू मान अमात्य और डॉ. यशवंत सिंह परमार औदयानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के अनुसंधान निदेशक डॉ. संजीव चौहान ने इस सम्मेलन के आयोजन की पहल की। प्यूर्टो रिको से शीला वार्ड को भी अतिरिक्त मॉडरेटर के रूप में आमंत्रित किया गया।

अमेरिकी वन सेवा अनुसंधान एवं विकास से जॉन पैरोटा उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि रहे, जहां उन्होंने पेड़ों का सामग्री के लिए नहीं बल्कि पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं के लिए जो वर्तमान बदलते जलवायु शासन में और अधिक महत्वपूर्ण होते जा रहे हैं, के महत्व पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि कृषि वानिकी प्रथाएं अद्वितीय हैं और उनके उचित अनुप्रयोग के माध्यम से अर्थव्यवस्था, संसाधनों के संरक्षण और सामाजिक स्वीकृति के प्रत्येक उद्देश्य को पूरा किया जा सकता है। कृषि वानिकी प्रथाओं को विशिष्ट भूस्वामी उद्देश्यों को पूरा करने के लिए खेत के भीतर विशिष्ट क्षेत्रों में फिट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। उन्होंने सतत विकास लक्ष्यों और वातावरण में ग्रीन हाउस गैस के शमन के लिए पेड़ों की भूमिका पर जोर दिया, जो दुनिया भर के वैज्ञानिकों और नीति नियोजकों के लिए चिंता का विषय है।

#खबर अभी अभी सोलन ब्यूरो*

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