केसीसी बैंक के पूर्व शाखा प्रबंधक का डेढ़ माह के भीतर निलंबन रद्द, जानें पूरा मामला

कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक प्रबंधन ने टंग नरवाणा के पूर्व शाखा प्रबंधक का निलंबन रद्द कर दिया है। बैंक प्रबंधन के इस फैसले को संबंधित अधिकारी को बड़ी राहत मिली है। गलत ऋण आवंटन के मामले में अगस्त के आखिरी सप्ताह में संबंधित अधिकारी को बैंक प्रबंधन ने निलंबित कर बैंक मुख्यालय में अटैच किया था। अभी डेढ़ माह भी नहीं हुआ कि अधिकारी का निलंबन रद्द कर दिया गया। बैंक प्रबंधन के इस फैसले से बैंक कर्मचारियों के साथ-साथ राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा का विषय बना हुआ है। हालांकि बैंक प्रबंधन ने दावा किया है कि संबंधित अधिकारी के खिलाफ विभागीय जांच जारी रहेगी। लेकिन कब चार्जशीट तैयार होगी, होगी भी या नहीं, यह कहना मुश्किल है।

क्या है मामला
बैंक ने इसी वर्ष टंग नरवाणा शाखा से आवंटित ऋणों की जांच करवाई थी। एजीएम स्तर के एक अधिकारी की ओर से गई इस जांच में सामने आया कि अधिकांश ऋणधारकों ने मौके पर न तो मकान बनाए और न ही कोई कारोबार शुरू किया, जबकि उन्हें घर और व्यावसायिक ऋण दिए गए थे। इस बीच, पुलिस विभाग के एक मुख्य आरक्षी और उनकी महिला रिश्तेदार की ओर से एजीएम से दुर्व्यवहार करने और जांच कार्य में बाधा डालने की घटना ने मामले को और गंभीर बना दिया। इस घटना की शिकायत धर्मशाला पुलिस थाने में दर्ज करवाई गई थी। जांच रिपोर्ट के आधार पर शाखा प्रबंधक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर बैंक मुख्यालय में अटैच किया गया था।
पहले भी विवादों में घिरा रहा है बैंक
बीते वर्ष वित्तीय अनियमितताओं के चलते बैंक ने पांच अधिकारियों को बर्खास्त किया था। वित्तीय मामले में तीन अन्य अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए थे।
विजिलेंस और एसआईयू की ओर से जांचे जा रहे बहुचर्चित युद्ध चंद बैंस ऋण मामले में बैंक रिकॉर्ड गायब करने के आरोप लगे, जिसमें जीएम समेत कई अधिकारियों को नोटिस थमाए गए। आरबीआई और नाबार्ड के नियमों की अनदेखी पर सरकार ने बीते माह बैंक की बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स (बीओडी) को निलंबित कर, चुनाव प्रक्रिया पर भी रोक लगा दी।
हाल ही में पालमपुर के एक होटल लोन मामले में ओटीएस योजना के तहत समायोजन को लेकर ईडी ने बैंक से रिकॉर्ड तलब किया है।
टंग नरवाणा के पूर्व शाखा प्रबंधक का निलंबन रद्द कर दिया है। गलत ऋण आवंटन के मामले में अगस्त माह के आखिरी सप्ताह में संबंधित अधिकारी को बैंक प्रबंधन ने निलंबित कर बैंक मुख्यालय में अटैच किया था। संबंधित अधिकारी के खिलाफ विभागीय जांच जारी रहेगी। -संदीप कुमार, प्रबंध निदेशक, केसीसी बैंक धर्मशाला।

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