
#खबर अभी अभी शिमला ब्यूरो*
27 फरवरी 2023
गर्मियों की दस्तक के साथ ही बगीचे आम के बौर की खुशबू से महकने लगे हैं। आने वाले दिनों में मौसम ने साथ दिया तो इस बार आम की बंपर फसल बागवानों की जेब भरने में मददगार साबित हो सकती है। वैसे भी पिछले साल आम की फसल का ऑफ ईयर होने के चलते इसकी पैदावार में अव्वल जिला कांगड़ा के नूरपुर क्षेत्र के बागवानों को खासा नुकसान उठाना पड़ा था।
ऑफ ईयर होने के चलते ज्यादातर पेड़ों पर बौर ही नहीं पड़ा और रही सही कसर मौसम की बेरुखी ने पूरी कर दी। पिछले सीजन में ऑन ईयर होने के बावजूद मौसम की बेरुखी और तेला रोग की मार के चलते बागवानों को झटका लगा था। इस बार ऑन ईयर होने के चलते 10 से 15 दिन पहले ही आम के बगीचों में बौर पड़ना शुरू हो गया है।
विशेषज्ञों के मुताबिक बागवानों को आम की बेहतर फसल के लिए बौर के बाद फल की सेटिंग के समय दवाइयों का उचित मात्रा में छिड़काव करना चाहिए, ताकि आम की बीमारियों की रोकथाम की जा सके। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक कांगड़ा जिले में कुल बागवानी उपज 37,878 हेक्टेयर में से करीब 21,245 हेक्टेयर भूमि पर सिर्फ आम की पैदावार होती है।
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