झंडूता के विधायक जीत राम कटवाल ने विधानसभा में प्लास्टिक से बढ़ते प्रदूषण व उसके खाने से बेसहारा पशुओं की हो रही अकाल मृत्यु का उठाया मामला

#बिलासपुर।
झंडूता के विधायक जीत राम कटवाल ने विधानसभा में प्लास्टिक से बढ़ते प्रदूषण व उसके खाने से बेसहारा पशुओं की हो रही अकाल मृत्यु का मामला उठाया तथा सदन से बेसहारा पशुओं के लिए बनाए गए गौसदनों के रख-रखाव हेतु नीति का निर्धारण किए जाने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक वेस्ट मैनोजमैंट से प्रदूषण भी होता है और प्लास्टिक लावारिस पशुओं की मृत्यु का कारण भी बन रहा है। पहले 90 प्रतिशत आबादी गांवों में तथा 10 प्रतिशत आबादी शहरों में रहती थी लेकिन शहरीकरण के कारण आज स्थिति यह हो गई है कि गांव की आबादी 70 प्रतिशत ही रह गई है। उन्होंने कहा कि लाईफ स्टाईल बदला है। गाय पहले पूजनीय होती थी लेकिन अब सडक़ों पर बेसहारा घूम रही है। गौसेवा आयोग बन रहे हैं तथा गौ अभ्यरण्य बन रहे हैं तथा इसके रख-रखाव बारे धन की व्यवस्था करने की चर्चा हो रही है तथा उसके अनुरूप नीतियां भी निर्धारित की जा रही हैं। बंदर जैसे जंगली जानवर गांवों व शहरों की तरफ भाग रहे हैं जोकि समाज के लिए एक खतरा बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक बेसड मैनेजमैंट एक तरीके से डवैल्पमैंट भी है। वर्ष, 1997 को इसके लिए कानून बनना शुरू हुआ था तथा वर्ष 2004-05 में इसकी थिकनैस पर निर्णय लिया गया कि 70 माइक्रो से कम लिफाफे नहीं बनेंगे। लेकिन मल्टीनेशन कंपनियों के जो कार्टून या वुड आती है उसमें प्लास्टिक कोङ्क्षटग होती है। उन्होंने कहा कि सोलिड प्लास्टिक बेस्ड चीजें अंतिम रिटेलर से होकर घरों व कार्यालयों में पहुंच रही हैं। पंचायतों में भी ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए योजनाएं बनना शुरू हो गई हैं लेकिन मशीनरी व सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट स्थापित करने के लिए जगह तक नहीं मिलती। उन्होंने कहा कि गांवों में मशीनरी स्थापित करने के लिए जमीन की उपलब्धता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय विधायक विकास निधि में गौ सदनों का सहायता राशि देने का प्रावधान होना चाहिए और लावारिस पशुओं के प्रबंधन के लिए इसे मनरेगा में शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गौ सदनों को प्रति गौवंश की दर से 500 रुपए की आॢथक सहायता दी जाती है जिसे बढ़ाकर 700 रुपए किया गया है। उन्होंने कहा कि गौ सदनों के लिए गौ सेवा आयोग द्वारा दी जाने वाली स्वीकृतियों के नियम सरल किए जाने चाहिए तथा समय पर गौ सदनों का पैसा उपलब्ध करवाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पशु पालन और दूध की मार्केटिंग के लिए विभाग को प्रयास करने चाहिए।

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