डॉ. यशवंत सिंह परमार औदयानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के छात्रों ने प्लास्टिक अपशिष्ट को कम करने का लिया प्रण

#खबर अभी अभी सोलन ब्यूरो*

22 अप्रैल 2024

विश्व पृथ्वी दिवस पर आज डॉ. यशवंत सिंह परमार औदयानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के मृदा विज्ञान और जल प्रबंधन विभाग ने पर्यावरण संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए समर्पित एक कार्यक्रम की मेजबानी की। विभाग ने पृथ्वी को संरक्षित करने में प्रत्येक व्यक्ति की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करने के उद्देश्य से चर्चाओं और लैक्चर का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में विभिन्न व्याख्यान दिए गए जिसमें 75 छात्रों, संकाय और विभाग के कर्मचारियों ने भाग लिया।

विभाग के प्रोफेसर और हैड डॉ. एम॰एल॰ वर्मा ने इस वर्ष की थीम ‘ग्रह बनाम प्लास्टिक’ विषय पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि यह विषय हमारे पर्यावरण और यहाँ के निवासियों पर प्लास्टिक प्रदूषण के हानिकारक प्रभाव को संबोधित करने की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करता है। इसमें 2040 तक प्लास्टिक उत्पादन को 60% तक कम करने के लिए एक वैश्विक पहल का आह्वान किया गया है, जिससे प्लास्टिक मुक्त भविष्य का मार्ग प्रशस्त हो सके।

इस अवसर पर विशेषज्ञों ने मल्चिंग, सिंचाई पाइप, पॉलीहाउस और शेड नेट जैसी संरचनाओं जैसे विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए कृषि क्षेत्र की प्लास्टिक पर निर्भरता पर चर्चा की। उन्होंने प्लास्टिक को नष्ट करने में सक्षम सूक्ष्मजीवों पर शोध करने और उनकी पहचान करने के महत्व को रेखांकित किया। सभी प्रतिभागियों ने अपने दैनिक जीवन में जिम्मेदार प्लास्टिक के उपयोग और निपटान की वकालत करने की शपथ ली। उन्होंने भविष्य की पीढ़ियों के लिए हमारे ग्रह की सुरक्षा की अनिवार्यता को पहचानते हुए, व्यक्तिगत और सामूहिक प्रयासों के माध्यम से इस उद्देश्य को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।

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