

शिमला | राजस्व मंत्री जगत सिंह ने कहा कि जब देश की सीमाएं सुरक्षित नहीं है, तो लोग कैसे सुरक्षित होंगे। उन्होंने पहलगाम हमले के बाद केंद्र सरकार की ओर से की जा रही कार्रवाई पर भी सवाल उठाए हैं। आतंकी हमले के बाद पीएम को कश्मीर में होना चाहिए था, लेकिन वह बिहार में चुनावी रैली में पाकिस्तान को धमकियां दे रहे थे, लेकिन अभी तक कुछ भी कार्रवाई नहीं हुई है। नेगी ने कहा कि पाकिस्तान नागरिकों को वापस भेजना और भारत के नागरिकों को वापस बुलाना कोई बड़ी कार्रवाई नहीं है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने एयर स्पेस को बंद कर दिया है, जिससे भारत की विमानन कंपनियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि भारत की धमकियों से पाकिस्तान को कुछ नहीं हुआ, उल्टा नुकसान भारत को उठाना पड़ रहा है। नेगी ने केंद्र सरकार से मांग की है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर गंभीरता दिखाई जाए और चुनावी रैलियों से ज्यादा देशवासियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा कि अगर आतंकियों पर सख्त कार्रवाई नहीं की गई तो देश की आंतरिक सुरक्षा लगातार खतरे में रहेगी। कहा कि वन अधिकारी नियम 2006 के तहत लोगों को अपनी दावे प्रस्तुत करने चाहिए।
वन अधिकारी नियम से जनजातीय क्षेत्रों के लोगों को होगा फायदा
वन अधिकारी नियम 2006 कानून देशभर में लागू हो चुका है। जनजातीय लोगों को इसका फायदा मिला है। हिमाचल के जनजातीय क्षेत्र किन्नौर, पांगी लाहौल स्पीति, चंबा जहां वन भूमि पर पुश्तों से लोग रह रहे हैं। सरकार की ओर से उन्हें मालिकाना हक देने जा रही है। ऐसे लोगों की संख्या 5 हजार के करीब है। ग्राम सभाओं के माध्यम से आवेदन मांगे जा रहे है। इसके बाद इन्हें वन जमीन का अधिकार दिया जाएगा। इससे लोगों का पलायन भी रुकेगा।
कांग्रेस पार्टी मजबूती के साथ केंद्र सरकार के साथ खड़ी : विक्रमादित्य
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी मजबूती के साथ केंद्र सरकार के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि सीडब्ल्यूसी की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि आतंकी हमलों के खिलाफ पूरा देश एक है। जो भी फैसला सरकार लेगी, उसमें सभी साथ हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से पहलगाम में आतंकी हमला हुआ है, उसका प्रतिशोध और कार्रवाई सरकार की तरफ से होनी चाहिए। आने वाले समय में भी पाकिस्तान को सबक सिखाने की जरूरत है। हमें इतिहास के पन्नों को भी उठाने की जरूरत है। 1971 में जब इंदिरा गांधी पीएम थीं और जो पाकिस्तान के राष्ट्रपति थे, उन्होंने हमारी एयरफोर्स पर हमला किया था। उस समय पाकिस्तान के दो टुकड़े हुए हैं। आज भी वैसी ही स्थिति बनी है। उन्होंने कहा कि सिंधू जल संधि रद्द करना भी सराहनीय कदम है। अभी तक हमारे पास पानी को डायवर्ट कैसे करना है, स्टोर कैसे करना है, यह सब प्रश्नचिह्न खड़े कर रहा है। इस पर जीरो प्रतिशत राजनीति होनी चाहिए। देश हित में समय में रहते हुए केंद्र सरकार को कार्रवाई जरूर करनी चाहिए।



