

सोलन
25 जून, 2025
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सोलन द्वारा डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के सहयोग से मंगलवार को विश्वविद्यालय परिसर में मादक द्रव्यों के दुरुपयोग के प्रति एक जागरूकता अभियान आयोजित किया गया।
इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सोलन की सचिव एवं अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी आकांक्षा डोगरा मुख्य अतिथि रहीं। अपने संबोधन में उन्होंने छात्रों को ‘नशे से इनकार’ करने का महत्व बताया और नशे के चंगुल में फंसे व्यक्तियों के लिए उपलब्ध कानूनी सहायता के बारे में जानकारी दी। उन्होंने छात्रों को नशे से दूर रहने और सरकारी सहायता हेतु उपलब्ध हेल्पलाइन नंबरों की जानकारी दी। साथ ही, उन्होंने छात्रों को तनाव प्रबंधन के लिए खेलकूद, योग, ध्यान और अन्य सह-पाठयक्रम गतिविधियों में भाग लेने की सलाह दी।
क्षेत्रीय अस्पताल सोलन की क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट वैशाली शर्मा ने नशे की ओर ले जाने वाले मानसिक दबावों और उनसे निपटने की व्यावहारिक रणनीतियों पर बात की। उन्होंने नशे के मानसिक और शारीरिक दुष्प्रभावों को समझाते हुए इससे बचाव के छह प्रमुख सिद्धांत भी साझा किए। ड्रग कंट्रोलर सोलन प्रीति शर्मा ने नशे के गंभीर दुष्परिणामों पर प्रकाश डाला और छात्रों से अपनी इच्छाशक्ति के बल पर सभी प्रकार के नशे से दूर रहने का आह्वान किया। अतिरिक्त एस.एच.ओ. सोलन गोपाल सिंह ने मादक द्रव्यों के प्रयोग से जुड़े कानूनी पहलुओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कानून के तहत केवल नशा तस्कर ही नहीं, बल्कि नशा करने वालों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाती है।
इससे पहले, कॉलेज ऑफ हॉर्टिकल्चर के डीन डॉ. मनीष शर्मा ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत किया और छात्रों को नशे के शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और कानूनी प्रभावों को समझकर सही निर्णय लेने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम में कॉलेज ऑफ फॉरेस्ट्री के कार्यवाहक डीन डॉ. उदय शर्मा भी उपस्थित रहे। डॉ. मीनू गुप्ता और डॉ. नीलम कार्यक्रम की समन्वयक रहीं। कार्यक्रम के अंतर्गत, मुख्य अतिथि द्वारा कॉलेज ऑफ फॉरेस्ट्री से विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार तक एक जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। बीएससी वानिकी और बीएससी बागवानी के 200 से अधिक छात्रों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।
इसके अतिरिक्त एक अन्य कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल ने प्रशासनिक भवन में विश्वविद्यालय के कर्मचारियों को नशा मुक्त भारत अभियान की शपथ दिलाई। यह शपथ सभी विभागों में भी कर्मचारियों और शिक्षकों द्वारा ली गई, जो इस राष्ट्रीय अभियान का हिस्सा रही।



