
हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले से एक ऐसा वीडियो सामने आया था जिसने पूरे प्रदेश में राजनीतिक हलचल मचा दी थी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के दाड़लाघाट क्षेत्र में आयोजित दौरे के दौरान भोजन
कार्यक्रम में स्थानीय लोगों, स्कूली बच्चों और ग्रामीणों को बड़े पैमाने पर आमंत्रित किया गया था। उन्हें खाने के लिए बैठा तो दिया गया, लेकिन भोजन समय पर नहीं पहुंचा। लोगों को भूखे ही जाना पड़ा वापस कई घंटे बीत जाने के बाद भी जब खाना नहीं मिला तो लोगों में नाराज़गी फैल गई
कुछ ही देर में माहौल नारेबाज़ी में बदल गया
“सुक्खू ने बुलाया, है भूखे ही मरवाया है !”
इन नारों के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं, जिससे हिमाचल के मुख्यमंत्री की सार्वजनिक छवि को गहरा झटका लगा है। वीडियो में स्कूली छात्र-छात्राओं को भी नारे लगाते हुए देखा जा सकता है, जो प्रदेश सरकार की आयोजन व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहा है।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, भोजन वितरण की ज़िम्मेदारी कामधेनु वयवसायिक उद्योग को दी गई थी,
मुख्य सवाल उठ रहे हैं
1. क्या प्रशासन ने कार्यक्रम की तैयारी ठीक से नहीं की थी?
2. बच्चों को घंटों भूखा बैठाना क्या लापरवाही नहीं मानी जाएगी?
3. क्या मुख्यमंत्री कार्यालय इस पर आधिकारिक माफ़ी जारी करेगा?
टीवी चैनल्स एवं सोशल मीडिया पर कामधेनु हितकारी संस्था के महासचिव जीत राम कौंडल का ब्यान आया सामने ,उन्होंने कहा कि कुछ शरारती तत्वों ने नारे लगवाए है और सभी लोग खाना खाकर गए है और यह सभी आरोप निराधार है





