शिमला में पेयजल और कूड़ा शुल्क बढ़ाने के बाद 30 हजार भवन मालिकों को नगर निगम ने दिया एक और झटका

#खबर अभी अभी सोलन ब्यूरो*

2 जुलाई 2023

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में पेयजल और कूड़ा शुल्क बढ़ाने के बाद अब 30 हजार भवन मालिकों को नगर निगम ने एक और झटका दे दिया है। शहर में प्रॉपर्टी टैक्स चार फीसदी तक बढ़ा दिया है। यह बढ़ोतरी इसी वित्तीय वर्ष से लागू मानी जाएगी। हालांकि भवन मालिकों से इसकी वसूली अगले साल जारी होने वाले टैक्स के बिलों में की जाएगी।शहर में अब हर साल प्रॉपर्टी टैक्स बढ़ाया जाएगा। भाजपा पार्षदों के विरोध के बीच नगर निगम सदन ने शनिवार को टैक्स बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। महापौर सुरेंद्र चौहान की अध्यक्षता में हुई मासिक बैठक में इस प्रस्ताव को चर्चा के लिए रखा गया।

नगर निगम आयुक्त भूपेंद्र अत्री ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से टैक्स को लेकर नए दिशा निर्देश जारी हुए हैं। इसके अनुसार प्रदेश की विकास दर के अनुसार टैक्स में बढ़ोतरी की जानी है। देशभर के सभी शहरी निकायों को यह नई व्यवस्था लागू करनी है। इसे लागू करने पर ही केंद्रीय अनुदान नगर निगम शिमला को मिल पाएगा। इसलिए शिमला नगर निगम को भी अब इसी फार्मूले के तहत टैक्स बढ़ाना पड़ेगा। इस बार चार फीसदी टैक्स बढ़ाया जाना है। पिछले सदन में इस प्रस्ताव का विरोध करने वाले शहरी विधायक हरीश जनारथा ने इस बार विरोध नहीं किया और सदन को ही इस पर फैसला लेने को कहा।

शहर में टैक्स बढ़ाने के प्रस्ताव पर भाजपा पार्षदों ने विरोध किया है। पार्षद सरोज ठाकुर, आशा शर्मा, कमलेश मेहता, कल्याण धीमान ने कहा कि इससे जनता पर बोझ पड़ेगा। निगम अपनी आय बढ़ाने के लिए दूसरे उपाय करें। इसी बीच कांग्रेस के तीन पार्षद भी विरोध में उतर आए। मज्याठ पार्षद अनीता शर्मा ने टैक्स बढ़ाने की जगह आय बढ़ाने के अन्य तरीके बताए। इन्हें बीच में टोकते हुए महापौर ने कहा कि 40 करोड़ के अनुदान के लिए टैक्स बढ़ाना जरूरी है। इस पर भट्ठाकुफर से कांग्रेस पार्षद नरेंद्र ठाकुर बिफर गए। कहा कि यह शहर की जनता से लूट है। टैक्स नहीं बढ़ना चाहिए।
महापौर मज्याठ पार्षद के सुझाव तक नहीं सुन रहे। ऐसा नहीं चलेगा। कहा कि इससे अच्छा तो ग्रीन फीस वसूली जानी चाहिए ताकि शहर की जनता पर बोझ न पड़े और निगम को आय भी हो। पार्षद सिमी नंदा ने भी टैक्स की जगह लंबित बिल वसूलने की बात कही। हालांकि, कांग्रेस के बाकी 21 पार्षद इस मामले पर मौन रहे और इसके चलते सदन में यह प्रस्ताव पारित हो गया। इस साल शहर में पेयजल दरों और कूड़ा बिलों में भी दस फीसदी तक की बढ़ोतरी हो चुकी है।

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