हिमाचल के कई भागों में हुई तबाही मचाने वाली बारिश

#खबर अभी अभी शिमला ब्यूरो*

1 अगस्त 2024

Himachal Weather, cloudburst Many parts witnessed devastating rains,red alert for many parts

हिमाचल प्रदेश के कई भागों में बुधवार रात को तबाही मचाने वाली बारिश हुई। प्रदेश के बागी, मलाणा,  थलटूखोड़, समेज में बादल फटने से भारी तबाही हुई है। कई मकान, स्कूल और अस्पताल क्षतिग्रस्त हो गए हैं। बादल फटने से 50 से अधिक लोग अभी लापता हैं। अब तक चार शव बरामद हुए हैं। करीब चार पुल व 15 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। माैसम विज्ञान केंद्र शिमला के आंकड़ों के अनुसार बुधवार रात को कई स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश दर्ज की गई।

कहां कितनी बारिश, कई क्षेत्रों में बाढ़ का जोखिम
पालमपुर में 212.0 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। जोगिंद्रनगर में 161.0 , धर्मशाला 183.2, बैजनाथ 135.0, सुजानपुर टिहरा 142.0, नादाैन 103.5, पांवटा साहिब में 121.2, शिमला 64.6, भुंतर 44.8, नाहन 98.9, सोलन 69.4, कांगड़ा 150.7, सैंज 61.0 और  कुफरी में 84.5 मिलीमीटर बारिश हुई है। वहीं, अगले छह घंटों के दौरान हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला और सिरमौर जिलों के कुछ जलग्रहण क्षेत्रों और आसपास के क्षेत्रों में मध्यम बाढ़ का जोखिम है।
इन जिलों के लिए रेड अलर्ट
माैसम विभाग की ओर से राज्य में गुरुवार से शुक्रवार सुबह तक कई स्थानों पर भारी से बहुत भारी का रेड अलर्ट जारी किया गया है। माैसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार कुल्लू, मंडी व कांगड़ा जिले के कुछ स्थानों पर भारी बारिश का रेड अलर्ट है। अन्य जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी हुआ है। प्रदेश के कई भागों में 7 अगस्त तक बारिश का दाैर जारी रहने का पूर्वानुमान है।

वहीं मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि मौसम विभाग की ओर से  शुक्रवार सुबह तक भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। उन्होंने लोगों से इस दौरान एहतियात बरतने और नदी-नालों के करीब न जाने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल को सुदृढ़ किया गया है और प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए आवश्यक उपकरण उपलब्ध करवाए गए हैं।
जिला स्तर पर आपातकालीन नंबर जारी
हिमाचल सरकार की ओर से आपदा में 24 घंटे जनता की मदद के लिए जिला स्तर पर टीम बनाई गई है। सीएम सुक्खू ने कहा कि टीम किसी भी आपात स्थिति में लोगों की मदद करेगी।  मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में आपदा निगरानी के लिए 13 स्थानों पर राज्य आपातकालीन केंद्र स्थापित किए गए हैं, जिनके माध्यम से सभी संवेदनशील स्थानों पर 24 घंटे निगरानी रखी जाएगी।
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