हिमाचल के हाइवे पर भाजपा ने संसद में रखे ठोस तथ्य और आंकड़े, कांग्रेस को दिखता नहीं सच: डॉ. राजीव सहजल

शिमला : भाजपा नेता एवं पूर्व मंत्री डॉ. राजीव सहजल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश से जुड़े राष्ट्रीय राजमार्गों (हाइवे) के मुद्दे को भारतीय जनता पार्टी ने केवल बयानबाजी तक सीमित नहीं रखा, बल्कि लोकसभा और राज्यसभा में तथ्यों और ठोस आंकड़ों के साथ बार-बार मजबूती से उठाया है। इसके बावजूद कांग्रेस के नेताओं को यह सब दिखाई नहीं देता, क्योंकि वे प्रदेश के हितों से अधिक एक राजनीतिक परिवार को खुश करने की राजनीति में व्यस्त हैं।
डॉ. सहजल ने कहा कि संसद में भाजपा सांसदों द्वारा उठाए गए सवालों के जवाब में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि 2025 के मानसून के दौरान हिमाचल प्रदेश में 50000 मीटर से अधिक राष्ट्रीय राजमार्ग क्षतिग्रस्त हुए, जिनका मुख्य कारण लैंडस्लाइड, फ्लैश फ्लड और क्लाउड बर्स्ट रहा।
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार राष्ट्रीय राजमार्गों की स्थायी बहाली के लिए ₹513 करोड़ से अधिक की राशि स्वीकृत की गई है। इसके अलावा केवल किरतपुर–मनाली कॉरिडोर पर ही लगभग ₹544 करोड़ की परियोजनाएं स्वीकृत अथवा प्रक्रियाधीन हैं, जिससे कुल्लू–मनाली और लाहौल-स्पीति जैसे दुर्गम क्षेत्रों की कनेक्टिविटी सुनिश्चित हो सकेगी।
डॉ. सहजल ने कहा कि परवाणू–सोलन–शिमला (NH-5) खंड पर मलबा हटाने और सुरक्षा कार्यों के लिए ₹3.5 करोड़ की स्वीकृति दी गई है और वहां ट्रैफिक बहाली सुनिश्चित की जा चुकी है। वहीं शिमला–मटौर, पठानकोट–मंडी, मंडी–मनाली, धर्मशाला–मैक्लोडगंज सहित कई महत्वपूर्ण मार्गों पर अस्थायी बहाली का कार्य पूरा हो चुका है और अधिकांश स्थानों पर यातायात सुचारू रूप से चल रहा है, जबकि स्थायी कार्यों की समयसीमा 2025–26 तय की गई है।
पूर्व मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्यों के लिए डिजास्टर-रेजिलिएंट हाइवे इंफ्रास्ट्रक्चर पर विशेष जोर दिया है। इसके तहत जियो-सिंथेटिक रिइनफोर्समेंट, स्लोप स्टेबलाइजेशन, रॉक-फॉल बैरियर और अर्ली वार्निंग सिस्टम जैसी आधुनिक तकनीकों को लागू किया जा रहा है, जिनमें परवाणू–सोलन खंड पर अर्ली वार्निंग सिस्टम भी शामिल है।
डॉ. राजीव सहजल ने आरोप लगाया कि इतने स्पष्ट आंकड़ों और केंद्र सरकार की ठोस सहायता के बावजूद कांग्रेस नेता जनता को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं। न वे संसद में हिमाचल की आवाज मजबूती से उठा पा रहे हैं और न ही केंद्र सरकार द्वारा दी जा रही सैकड़ों करोड़ की स्वीकृतियों को स्वीकार करने का साहस दिखा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा के लिए हिमाचल की सड़कें, कनेक्टिविटी और जन-सुरक्षा सर्वोपरि है। एक ओर भाजपा है, जो संसद में काम और आंकड़ों के साथ हिमाचल के हितों की लड़ाई लड़ रही है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस है, जो केवल परिवार-केंद्रित राजनीति में उलझकर प्रदेश के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है।

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