हिमाचल प्रदेश: सरीन ने एडीसी रहते फार्मा कंपनियों से लिए 1.06 करोड़ रुपये के लाभ, ईडी की जांच में खुलासा

असिस्टेंट ड्रग कंट्रोलर (एडीसी) बद्दी रहते निशांत सरीन ने फार्मा कंपनियों से करीब 1.06 करोड़ के लाभ लिए थे। पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम 2002) के तहत चल रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में यह खुलासा हुआ है। ईडी ने इस बाबत फार्मा कंपनियों के 13 व्यक्तियों के बयान भी दर्ज कर लिए हैं।

जांच में पता चला है कि सरीन ने फाइव स्टार होटलों में कमरों की बुकिंग, बाहरी राज्यों में घूमने के लिए फ्लाइट बुकिंग और उपहारों के रूप में फार्मा कपंनियों से यह उगाही की। स्टेट विजिलेंस एंड एंटी क्रप्शन ब्यूरो की ओर से दायर चार्जशीट में बताए गए 15.65 लाख रुपये भी इसमें शामिल हैं। जांच में पता चला है कि यह लाभ ड्रग इंस्पेक्टर/सहायक ड्रग कंट्रोलर रहते आधिकारिक पद के दुरुपयोग कर लिए गए थे। इतना ही नहीं, मेसर्स निया फार्मा और मेसर्स जेनिया फार्मास्युटिकल्स के साथ व्यापारिक लेनदेन के लिए जबरन दबाव बनाने से भी फार्मा कंपनियों को करीब 4.72 करोड़ का नुकसान हुआ। ईडी जांच में पहले ही यह खुलासा हो चुका है कि जेनिया फार्मास्यूटिकल्स निशांत ही चला रहा था, कोमल खन्ना कंपनी की प्राॅक्सी ऑनर (फर्जी मालिक) थीं। ईडी अब इस मामले में कोमल खन्ना से भी पूछताछ कर रही है।

उधर, पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) स्पेशल कोर्ट ने सरीन को 27 अक्तूबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। हालांकि, ईडी पूछताछ के लिए दोबारा सरीन को रिमांड पर ले सकती है। आय से अधिक संपत्ति मामले में ईडी शिमला जोनल कार्यालय में पूछताछ के दौरान 10 अक्तूबर को सरीन को गिरफ्तार किया था। पीएमएलए कोर्ट ने सरीन को 4 दिन की ईडी हिरासत में भेजा था। निशांत पर असिस्टेंट ड्रग कंट्रोलर (एडीसी) बद्दी रहते हुए ड्रग लाइसेंस जारी करने में कथित भ्रष्टाचार, पद का दुरुपयोग और रिश्वतखोरी के आरोप हैं। उनके खिलाफ विजिलेंस में भी एफआईआर दर्ज है।

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