
शिमला : हिमाचल प्रदेश से 10वीं और 12वीं या कोई दो कक्षाएं पास करने वाले विद्यार्थी ही अब स्टेट कोटे से एमबीबीएस और बीडीएस में प्रवेश लेने के लिए पात्र होंगे। इसके लिए राज्य सरकार ने पात्रता नियमों में बदलाव करने के आदेश दे दिए हैं।स्वास्थ्य सचिव एम सुधा देवी ने वीरवार को निदेशक स्वास्थ्य शिक्षा (डीएमई) को साल 2022 के नियमों को ही लागू करने के लिए पत्र भेजा है। साल 2023 में सरकार ने नियमों में बदलाव कर स्टेट कोटे के लिए हिमाचल से कम से कम दो कक्षाएं पास करने की शर्त को हटा दिया था। अब फिर 2023 से पहले के पात्रता नियमों को लागू करने के लिए कहा गया है। हिमाचल के छह सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 720 एमबीबीएस सीटों के लिए काउंसलिंग जल्द शुरू होने वाली है। सभी मेडिकल कॉलेजों में स्टेट कोटे के तहत एमबीबीएस व बीडीएस 85 फीसदी सीटें भरी जातीं हैं।
पिछले दिनों इस मामले को अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के समक्ष उठाया था। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य सचिव को पुरानी व्यवस्था लागू करने के आदेश दिए थे। सीएम के हस्तक्षेप के बाद 7 जुलाई को एमबीबीएस और बीडीएस की प्रोस्पेक्टस रिव्यू कमेटी की अटल मेडिकल एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी नेरचौक मंडी में हुई बैठक में पुरानी व्यवस्था को ही लागू करने का निर्णय लिया गया। इसे राज्य सरकार ने वीरवार को स्वीकृति दे दी है। अब इसे विश्वविद्यालय प्रोस्पेक्टस में शामिल करेगा।
एनआरआई कोटे के तहत एनआरआई प्रायोजित उम्मीदवारों के लिए प्रावधान एमसीसी डीजीएचएस नई दिल्ली के निर्णय के अनुसार होगा। साल 2023 से पहले वाली स्टेट कोटे से एमबीबीएस और बीडीएस में प्रवेश की पात्रता के लिए हिमाचल में कम से कम दो कक्षाओं आठवीं, दसवीं, ग्यारहवीं या बारहवीं का अध्ययन करने की शर्त थी। मुख्यमंत्री के समक्ष मामला उठाने वाले बच्चों के अभिभावकों के प्रतिनिधि विक्रम ठाकुर ने कहा कि पुराने प्रावधान को लागू करने का हिमाचल में ही पढ़ने वाले विद्यार्थियों को लाभ होगा।





