अधिक जल चढ़ाना 51 वर्ष पुराने पीपल के पेड़ को बना खतरा ,मंदिर कमेटी ने लिया केवल एक लोटा जल चढ़ाने का निर्णय

खबर अभी अभी कुनिहार ब्यूरो

5 अक्टूबर 2024

प्राचीन शिव मंदिर तालाब कमेटी की एक अहम बैठक हुई जिसमें मंदिर परिसर में विशालकाय पीपल पर अत्याधिक जल चढ़ाने से उसकी खोखली होती जड़ों के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए कमेटी ने निर्णय लिया की किसी भी व्यक्ति द्वारा यहां केवल एक लोटा ही जल का चढ़ाया जाए। जिससे की पीपल का पेड़ सुरक्षित रह सके। गौर रहे कि शिव मंदिर तालाब कुनिहार एक प्राचीन शिव मंदिर है यहां अन्य देवी देवताओं की अनेक सुंदर व आकर्षक मूर्तियां स्थापित है। मंदिर परिसर में लगभग 50 वर्ष पुराना पीपल का पेड़ है जो इस मंदिर की शोभा है इस पीपल के पेड़ पर हर शनिवार को जल चढ़ाने वालों की खासी भीड़ रहती है और पूरा साल हर समय यहां लोगो का आना जाना लगा रहता है।

एक एक व्यक्ति इस पीपल के पेड़ पर कई कई लीटर पानी चढ़ा देता है अत्याधिक पानी के कारण इस पेड़ की जड़ों से मिट्टी निकल कर इसकी जड़ें खोखली होती जा रही है जो पेड़ के लिए खतरा बन रही है।
कुनिहार पंचायत प्रधान व मंदिर कमेटी सचिव राकेश ठाकुर ने बताया कि सभी क्षेत्र वासियों से आग्रह किया गया है कि पीपल की सुरक्षा के लिए यह निर्णय लिया गया है कि पीपल के वृक्ष पर अगर जल चढ़ाना है तो केवल एक लोटे से अधिक न चढ़ाएं। क्योंकि देखने में आया है कि कुछ लोग 365 दिनों का जल एक ही दिन चढ़ा देते है जो ठीक नही है पीपल के पेड़ पर अत्याधिक जल चढ़ाने कि वजह से पेड़ की जड़ों से मिट्टी बह कर इसकी जड़ें खोखली हो रही है। जिससे पेड़ को खतरा हो रहा है।साथ ही लोगों से अपील की गई कि खंडित मूर्तियां व अन्य सामग्री भी परिसर में न रखें।

उन्होंने बताया कि अभी कमेटी ने लोगों से आग्रह किया है अगर स्थिति में सुधार नही हुआ तो भविष्य में कमेटी कड़ा फैसला लेने को बाध्य होगी।वहीं पंडित राजीव शर्मा ने बताया कि मन्दिर कमेटी का निर्णय सराहनीय है अधिक जल के कारण पेड़ जड़ों से खोखला हो रहा है लोगों को कमेटी के निर्णय पर अमल करना चाहिए। उन्होंने बताया कि श्रद्धा पूर्वक चढ़ाए एक जल लोटे का फल भी अधिक लोटे चढ़ाने के बराबर ही मिलता है।

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