

ऊना : हिमाचल प्रदेश के ऊना में एक सरकारी स्कूल की अध्यापिका का व्हाट्सएप हैक कर उनके विद्यार्थियों से करीब 40 हजार रुपये ठग लिए गए। अध्यापिका के व्हाट्सएप नंबर से कई बच्चों को मैसेज गया कि बेटा मुझे कुछ पैसों की जरूरत है। इसके बाद कुछ बच्चों ने पैसे भेज दिए। कुछ ने समझदारी दिखाते हुए पहले अध्यापिका से बात की तो ठगी का पता चला।
अध्यापिका ने अपना बैंक खाता फ्रीज करवाया
पांच बच्चे ठगी का शिकार हुए हैं। अध्यापिका ने अपना बैंक खाता फ्रीज करवाया और अपने स्तर पर कई बच्चों को फोन भी किए। शनिवार सुबह साइबर अपराध शाखा में शिकायत दर्ज करवाई। अध्यापिका ने शिकायत में बताया कि शुक्रवार को उन्हें एक वरिष्ठ समाज सेविका व लेखक का व्हाट्सएप पर संदेश आया कि एक लिंक भेजा है। उसके क्लिक कर कार्यशाला में हिस्सा लेना है।
ऐसे चला गड़बड़ी का पता
संदेश भेजने वाली वरिष्ठ साथी का भी व्हाट्सएप हैक था, जिसकी उन्हें भनक नहीं लगी। जैसे ही उन्होंने लिंक पर क्लिक किया, उन्हें व्हाट्सएप पर कुछ गड़बड़ी का शक हुआ। उन्होंने तुरंत व्हाट्सएप को अनइंस्टॉल कर दिया और फोन भी बंद कर दिया। उन्होंने दोबारा फोन ऑन किया तो कुछ बच्चों व रिश्तेदारों के फोन आने लगे कि आपको क्या पैसों की आवश्यकता है। जिन बच्चों के पैसे ट्रांसफर किए, उन्होंने कई बार ट्रांजेक्शन की। इसमें 40,320 रुपये भेजे गए। इसमें 12,500, 16,500, 8,500, 2,000 और 820 रुपये की राशि शामिल है।
हैकर ने बातचीत के तरीके को किया कॉपी
अध्यापिका ने बताया कि हैकर ने उनके बातचीत करने के तरीके को कॉपी करने की पूरी कोशिश की। वह कैसे बच्चों से बातचीत करती और किन बच्चों से उनकी बातचीत होती है, इन सब का आकलन कर पैसे मांगे गए। कहा कि भाषाशैली में गड़बड़ी से कुछ बच्चों का माथा ठनका और उन्होंने पैसे नहीं भेजे। उन्होंने कहा कि अंजान व्हाट्सएप संदेश का कभी भरोसा न करें। पुलिस अधीक्षक अमित यादव ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। ऑनलाइन ठगी से बचने के लिए जागरुकता जरूरी है।



