अष्टमी व नवमी पूजन के लिए शूलिनी मंदिर में लगा भक्तों का तांता,कन्या पूजन के साथ होगा नवरात्रि पर्व का समापन

#खबर अभी अभी सोलन ब्यूरो*

11 अक्तूबर 2024

शारदीय नवरात्रि की अष्टमी व नवमी के दिन प्रदेश के प्रसिद्ध शक्तिपीठों में सुबह से मां के दर्शनों करो भक्तों की लंबी कतारें लगी हुई हैं. सोलन शहर की अधिष्ठात्री देवी शूलिनी माता मंदिर में भी शारदीय नवरात्रि की अष्टमी व नवमी पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी है. सुबह सवेरे से ही मंदिर में मां शूलिनी के दर्शन और आशीर्वाद के लिए भक्त पहुंचना शुरू हो गए थे। मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं. अष्टमी व नवमी के दिन जहां भक्त शूलिनी माता मंदिर में शीश नवा रहे हैं वहीं भक्तों द्वारा मंदिर में कन्या पूजन भी किया गया।

बता दें कि नवरात्रि माता दुर्गा की उपासना का प्रमुख पर्व है, जिसमें नौ दिनों तक शक्ति की उपासना की जाती है। इस दौरान भक्तजन विभिन्न विधियों से माता को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। नवरात्रि के आठवें और नवें दिन यानी आज विशेष रूप से कन्या पूजन का विधान है। आज का दिन महागौरी और मां सिद्धिदात्री की उपासना का होता है, जिन्हें सौंदर्य, सुख और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। माता रानी की भक्ति और उपासना के द्वारा जीवन में आने वाली कठिनाइअष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन का विशेष महत्त्व है।

नौ कन्याओं को देवी दुर्गा का रूप मानकर उन्हें भोजन कराना और उपहार देना पुण्यकारी माना जाता है। कन्या पूजन के दौरान उन्हें हलवा, पूरी, चने का प्रसाद दिया जाता है। इससे माता दुर्गा प्रसन्न होती हैं और घर में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।यों का समाधान होता है और हर कार्य में सफलता प्राप्त होती है। अष्टमी और नवमी के दिन माता दुर्गा की मूर्ति पर लाल चुनरी चढ़ाने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। यह चुनरी समर्पण का प्रतीक है और माना जाता है कि इस दिन चुनरी चढ़ाने से माता रानी की कृपा सदैव आपके साथ रहती है। इससे घर में सुख-शांति और समृद्धि का वातावरण बना रहता है

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