#आईजीएमसी के 250 डॉक्टर जाएंगे सामूहिक अवकाश पर मांगें पूरी न होने से हैं खफा, मरीजों को 4 अक्तूबर से झेलनी पड़ सकती हैै परेशानी*

आईजीएमसी के 250 डॉक्टर

जाएंगे सामूहिक अवकाश पर
मांगें पूरी न होने से हैं खफा, मरीजों को 4 अक्तूबर से झेलनी पड़ सकती हैै परेशानी

DOctor take decision to gose on mass leave

#खबर अभी अभी  शिमला  ब्यूरो*

30 सितंबर 2022
आईजीएमसी के 250 डॉक्टर

जाएंगे सामूहिक अवकाश पर
मांगें पूरी न होने से हैं खफा, मरीजों को 4 अक्तूबर से झेलनी पड़ सकती हैै परेशानी
चिकित्सक आज से काले बिल्ले लगाकर करेंगे काम

शिमला। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आईजीएमसी) में उपचार करवाने आने वाले मरीजों को फिर से परेशानी झेलनी पड़ सकती है। मांगें पूरी न होने से खफा अस्पताल में तैनात 250 वरिष्ठ चिकित्सक चार अक्तूबर से सामूहिक अवकाश पर चले जाएंगे। यह जानकारी आईजीएमसी सेमडिकोट के अध्यक्ष डॉ. राजेश सूद ने दी। चिकित्सक पहले भी हड़ताल कर चुके हैं।
उन्होंने बताया कि इस बारे में वीरवार को सरकार और आईजीएमसी प्राचार्य डॉ. सीता ठाकुर को जानकारी दे दी है। आईजीएमसी में प्रदेशभर से मरीज रेफर किए जाते हैं। ऐसे में डॉक्टर के सामूहिक अवकाश पर जाने से मरीजों को उपचार नहीं मिल पाएगा। वार्डों में भी इससे दिक्कतें होंगी। इसके अलावा शुक्रवार से विरोध स्वरूप काले बिल्ले लगाकर अस्पताल में काम किया जाएगा।

3,000 से अधिक होती है ओपीडी
अस्पताल में रोजाना 3,000 से अधिक मरीजों की ओपीडी होती है। इसमें 100 से अधिक मरीज इमरजेंसी में उपचार करवाने आते हैं। इतने ही नए मरीज हर रोज अस्पताल में दाखिल किए जाते हैं। ऐसे में जूनियर डॉक्टरों के कंधों पर कार्यभार होने से मरीजों को दिक्कतें ही झेलनी पड़ेंगी। स्टेट एसोसिएशन ऑफ मेडिकल एंड डेंटल कॉलेज टीचर्स (सेमडिकोट) के उपाध्यक्ष डॉ. रामलाल, महासचिव डॉ. जीके वर्मा, सहसचिव डॉ. विनय सोम्या ने कहा कि आपातकालीन सेवाएं जारी रहेंगी।
अकादमिक भत्ता न मिलने से नाराज हैैं डॉक्टर
सेमडिकोट के अध्यक्ष डॉ. राजेश सूद ने बताया कि सरकार ने पैरेफ्री में काम करने वाले स्पेशलिस्ट डॉक्टरों का अकादमिक भत्ता 7,500 से 18,000 रुपये कर दिया है। इसका वह स्वागत करते हैं लेकिन मेडिकल कॉलेजों में काम करने वाले चिकित्सकों को अभी तक यह भत्ता नहीं दिया है। सरकार ने कमेटी बनाई थी लेकिन उसने कोई काम नहीं किया। इससे चिकित्सकों में रोष है। इसके अलावा सेमडिकोट के कार्यकारी डॉ. योगेश दीवान, डॉ. दिव्या वशिष्ठ, डॉ. मंजीत कुमार, डॉ. अरुण चौहान ने रेगुलर टाइम बांड प्रमोशन की मांग भी पूरी नहीं हो पाई। आईजीएमसी से अन्य मेडिकल कॉलेज के लिए अस्थायी तौर पर चिकित्सकों को भेजने का सिलसिला बंद करें। इस समस्या के समाधान के लिए यहां पर डॉक्टरों की नई भर्तियां की जाएं।

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