आधे शहर में कुत्तों का खाैफ, आधे शहर में बंदरों का उत्पात, बच्चे समेत तीन महिलाएं गंवा चुकीं जान

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में लावारिस कुत्तों और उत्पाती बंदरों के हमले से रोजाना कई लोग लहूलुहान हो रहे हैं। हर रोज शिमला शहर में पांच से सात मामले कुत्तों के काटने के आ रहे हैं। बीते दिन भी एक स्कूली बच्चे को कुत्तों ने बुरी तरह लहूलुहान कर दिया था। इसके बाद इस मामले को लेकर नगर निगम के मेयर के दफ्तर से लेकर सदन तक खूब हंगामा हुआ था। पार्षदों ने इस मुद्दे को लेकर सदन के बीच धरना तक दिया था। आधे शहर में जहां लावारिस कुत्तों का खौफ है वहीं बाकी इलाकों में बंदरों ने उत्पात मचा रखा है।  हालत यह है कि हर माह 150 से ज्यादा लोग इनके काटने पर उपचार के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं। इनमें महिलाओं और स्कूली बच्चों की संख्या ज्यादा है। आंकड़ों पर नजर डालें तो शिमला शहर में 2500 से ज्यादा लावारिस कुत्ते हैं। यह ज्यादातर झुंड में रहते हैं।  रास्ते में अचानक हमला करते हैं। शहर के सब्जी मंडी, कृष्णानगर, रुल्दूभट्ठा, लोअर बाजार, भट्ठाकुफर, मशोबरा, फागली, ढली, खलीनी, कैथू, अनाडेल, न्यू शिमला, पटयोग, विकासनगर, कसुम्पटी, बालूगंज और टुटू वार्डों में लावरिस कुत्तों की संख्या सबसे ज्यादा है।

इन्हीं वार्डों से कुत्तों के काटने के सबसे ज्यादा मामले
शहर में इन्हीं वार्डों से कुत्तों के काटने के सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। वहीं, शहर के जाखू, लक्कड़ बाजार, बैनमोर, छोटा शिमला, नवबहार, संजौली, कनलोग, समरहिल, भराड़ी आदि क्षेत्रों में बंदरों का आतंक है। वन विभाग की सर्वे रिपोर्ट के अनुसार शिमला शहर क्षेत्र में 1900 से ज्यादा बंदर है। शहर के मालरोड और रिज पर सरेआम बंदर लोगों से खाने-पीने का सामान छीन लेते हैं। यहां सैलानी इनका आसान शिकार बन रहे हैं। वहीं एंटी क्रप्शन एंड क्राइम कंट्रोल फोर्स के प्रदेश प्रभारी नाथूराम चौहान ने पत्रकारवार्ता में कहा कि शहर में कई सालों से लोग कुत्तों और बंदरों के आतंक से परेशान हैं लेकिन इसका समाधान नहीं निकाला जा रहा है।

एमसी सदन में भी उठा मामला
नगर निगम के सदन में भी बुधवार को कुत्तों और बंदरों के आतंक का मुद्दा उठा लेकिन जिस तरह से पार्षदों और महापौर ने इस मुद्दे को लेकर सदन में बयानबाजी की वह उचित नहीं है। महापौर ने नगर निगम के सदन में कहा कि यह तो हर रोज का मामला है, जोकि दुखद है। उन्होंने नगर निगम से मांग की कि कुत्तों के लिए उचित जमीन  उपलब्ध करवाकर शेल्टर होम बनाने का काम किया जाए। कहा कि अगर निगम उन्हें जमीन उपलब्ध करवाता है तो उनकी संस्था भी कुत्तों के लिए शेल्टर होम और खाने पीने की व्यवस्था कर सकती है। कहा रक अगर भविष्य में किसी भी व्यक्ति को कुत्ते या बंदर काटता है तो इसको लेकर एफआईआर दर्ज की जाएगी।

शहर के कुफ्टाधार में गई एक महिला की जान

शहर के कुफ्टाधार में 9 जुलाई 2020 को बंदरों के हमले में एक महिला की मौत हो गई थी। यह महिला घर की छत पर कुछ काम कर रही थी, इसी दौरान बंदर उस पर झपट पड़े। बंदरों के डर से महिला छत से नीचे जा गिरी। इससे इसकी मौत हो गई।

ढांडा में युवती और शिमला के संजौली में बच्चे की मौत

अप्रैल 2023 में ढांडा क्षेत्र में बंदरों के हमले के कारण एक युवती की जान चली गई थी। संजौली में भी एक स्कूली बच्चा बंदरों से डरकर अपने घर के सेंटर से नीचे गिर गया था। बाद में पीजीआई में इसकी मौत हो गई थी।

मिडिल बाजार में महिला ने गंवाई जान

4 नवंबर 2014 को मिडिल बाजार में भी एक महिला की बंदर के हमले के कारण मौत हो गई थी। यह महिला ममता (38) घर की छत से कपड़े उठा रही थी कि अचानक सामने से बंदर ने हमला कर दिया। महिला छत से नीचे गिर पड़ी। इससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई थी।

राहत दिलाने को तैयार, पर नियमों में बंधे हैं : मेयर

नगर निगम महापौर सुरेंद्र चौहान ने कहा कि बंदरों और कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ रहा है। निगम इनसे जनता को राहत तो दिलाना चाहता है, लेकिन नियम इतने कड़े हैं कि कुछ नहीं कर सकते। नसबंदी ही इनके आतंक को कम करने का तरीका है। निगम जल्द बड़े स्तर पर नसबंदी अभियान चलाने जा रहा है। शहर में कुत्तों की भी गणना की जा रही है।

घर लौट रहे युवक को कुत्तों ने किया लहूलुहान
वहीं शहर के कृष्णानगर क्षेत्र में देर रात काम से घर लौट रहे एक युवक पर लावारिस कुत्तों ने हमला कर दिया। युवक की बाजू, टांगों और पेट में कुत्ते के काटने से गहरे घाव हुए हैं। युवक हनी सिंह पिकअप चालक हैं। रात करीब 11:00 बजे काम से घर लौटते वक्त लालपानी के पास कुत्तों ने इस पर हमला कर दिया। युवक ने वीरवार को अस्पताल में जाकर उपचार करवाया है। कृष्णानगर में बुधवार को दिन के समय भी एक युवक को कुत्तों ने काटा था। पार्षद बिट्टू कुमार का कहना है कि लालपानी और कृष्णानगर क्षेत्र में कुत्तों का भारी आतंक है। इस बारे में नगर निगम को भी शिकायत दी है। ढली में बच्चे पर कुत्तों के हमले के दूसरे दिन वीरवार को लोअर बाजार के कारोबारी कर्म चंद भाटिया ने आयुक्त भूपेंद्र अत्री को ज्ञापन सौंपा। भाटिया ने कहा कि निगम इस समस्या का समाधान निकाले। यदि राहत न दी गई तो वह सुप्रीम कोर्ट में निगम के खिलाफ याचिका दायर करेंगे। भाटिया ने कहा कि कुत्तों के हमले से उनके बेटे की टांग पर गहरे घाव पड़े हैं जिसका उपचार चल रहा है।

कुत्तों के आतंक से बचाने की मांग से जुड़ी याचिका पर सुनवाई 29 मई को
प्रदेश हाईकोर्ट में लावारिस कुत्तों के आतंक से बचाने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर 29 मई के लिए सुनवाई टल गई है। मामले में हाईकोर्ट ने 10 सितंबर 2024 को आदेश जारी कर केंद्र सरकार को लावारिस कुत्तों की नसबंदी करने के बाद वापस उसी स्थान पर छोड़े जाने के नियम पर पुनर्विचार करने के आदेश दिए थे। ऐसा होने से छोटे बच्चों और बजुर्गों को इनके आक्रमण से ज्यादा खतरा पैदा होता है। कोर्ट ने इन आदेशों को संबंधित संस्था के ध्यान में लाने के आदेश देते हुए कहा था कि इस प्रावधान में संशोधन कर शहरी और स्कूलों के आसपास के क्षेत्रों को इस नीति से मुक्त रखा जाए। कोर्ट ने वन विभाग और नगर निगम शिमला को आदेश दिए थे कि वह बंदरों और कुत्तों के आतंक को नियंत्रित करने के लिए अपने प्रयासों को जारी रखे। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि हाईकोर्ट के इन आदेशों के बावजूद अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। प्रदेश की राजधानी सहित अन्य शहरों में रोजाना कुत्तों द्वारा लोगों को काटने के मामले सामने आ रहे हैं।
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