# इस साल 8000 करोड़पति छोड़ गए भारत, देश छोड़ने वाले टॉप-5 देशों में रूस-यूक्रेन *

8000 millionaires left india this year russia ukraine among the

#खबर अभी अभी सोलन ब्यूरो*

29 नवंबर 2022

कोरोना काल में अमीरों के देश छोड़ने की रफ्तार में जो कमी आई थी, वह एक बार फिर तेज हो गई है। हाई नेट वर्थ इंडिविजुअल्स जिनकी संपत्ति एक मिलियन डॉलर या उससे अधिक है देश छोड़ने में फिर रुचि दिखा रहे हैं। वर्ष 2022 में रूस, चीन और भारत सब से ज्यादा अमीर गंवाने वाले टॉप 3 देश हैं। इन्हीं देशों के करोड़पतियों ने सबसे अधिक पलायन किया है। इस अवधि में जहां चीन से 15,000 करोड़पतियों ने पलायन किया है, वहीं रूस से 10,000 करोड़पतियों ने पलायन किया। भारत से इस वर्ष अब तक 8000 करोड़पति पलायन कर चुके हैं। ग्लोबल कंसल्टेंट हेनली एंड पार्टनर्स की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है।

एक तरह जहां दुनिया के शीर्ष अमीरों की लिस्ट में भारतीय उद्योगपतियों का इजाफा हो रहा है, वहीं बड़ी संख्या में भारतीय रईसों का देश से मोहभंग भी हो रहा है। बिजनेस इनसाइडर में छपी हेनले और पार्टनर की रिपोर्ट के अनुसार भारत समेत कई देशों के करोड़पति अपना देश छोड़कर दूसरे मुल्कों में बसने को प्राथिमकता दे रहे हैं। हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि देश में स्टैंडर्ड ऑफ लिविंग बेहतर होने के बाद देश छोड़ने वाले ये अमीर दोबारा अपने देश लौट सकते हैं।

रिपोर्ट के अनुसार रूस, चीन और भारत के अलावे हांगकांग एसएआर, यूक्रेन, ब्राजील, मैक्सिको, ब्रिटेन, साऊदी अरब और इंडोनेशिया जैसे देशों से भी करोड़पतियों ने पलायन किया है। इनकी संख्या लगातार बढ़ रही है। रिपोर्ट के अनुसार रूस के साथ जंग का दंश झेल रहे देश यूक्रेन से वर्ष 2022 के अंत तक 42 प्रतिशत लोग पलायन कर सकते हैं।

हेनले एंड पार्टनर्स की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2022 में अब तक दुनिया के तमाम देशों से लगभग 88,000 हाई नेट वर्थ वाले लोगों ने दूसरे देशों में बसने को चुना है। भारत-रूस और चीन के अलावा हांगकांग से 3000 लोग, यूक्रेन से 2800 करोड़पतियों ने देश छोड़ दिया है। ब्रिटेन के 1500 लोगों ने देश छोड़ा है, यह लिस्ट में सातवें नंबर पर है। वहीं, जिन देशों में करोड़पति अपना नया ठिकाना तलाश रहे हैं उनमें यूएइ्र, सिंगापुर और ऑस्टेलिया टॉप पर है। रिपोर्ट के मुताबिक अपना देश छोड़ने वाले करोड़पतियों में से यूएई में इस वर्ष 4000, ऑस्ट्रेलिया में 3500 और सिंगापुर में 2800 लोग बसे हैं।

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