
#खबर अभी अभी मंडी ब्यूरो*
16 सितंबर 2023

एशिया की सबसे पहली रोपवे पर दौड़ने वाली हेरिटेज ट्रॉली पर रोमांच के सफर को लेकर आगामी आदेशों तक रोक लगा दी गई है। शानन विद्युत परियोजना प्रबंधन ने अंग्रेजों की ओर से निर्मित ट्रॉली के आधारभूत ढांचे में बदलाव करने को लेकर पर्यटकों और आम नागरिकों के लिए रोमांच का सफर नहीं होगा। 96 साल बाद हेरिटेज ट्रॉली को नए स्वरूप दिलाने के लिए लाखों रुपये की धनराशि खर्च की जा रही है। लोहे और लकड़ी की बनी ट्रॉली को मेट्रो ट्रेन की तरह विकसित करने की पंजाब राज्य विद्युत बोर्ड ने तैयारी शुरू कर दी है। लाखों रुपये की धनराशि ट्रॉली को नया स्वरूप देने पर खर्च की जाएगी। अनुभवी कारीगर ट्रॉली के आधारभूत ढांचे की मरम्मत करेंगे।
हॉलेज रोप-वे के जीर्णोद्धार पर करीब दो करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। 16 सौ मीटर स्टील रोप-वे को भी बदला जा चुका है, ताकि रोमांच का सफर और भी सुरक्षित हो सके। शानन परियोजना में कार्यरत कनिष्ठ अभियंता आदित्य ने बताया कि बफर जोन से 18 नंबर तक करीब डेढ़ किलोमीटर हाॅलेज रोप-वे पर स्टील रोप को बदलने और अन्य मरम्मत कार्य के चलते ट्रॉली की आवाजाही पर्यटकों और आम नागरिकों के लिए फिलहाल उपलब्ध नहीं होगी। पेन स्टॉक की निगरानी के लिए ट्रॉली में परियोजना के कर्मचारी आपात समय में आवागमन कर सकेंगे।
शानन में 1926 में स्थापित की गई हेरिटेज ट्रॉली को बरोट तक चलाने पर भी परियोजना प्रबंधन ने हामी भरी है। बरोट के खस्ताहाल ट्रैक को चुस्त-दुरुस्त कर ट्रॉली बरोट तक पहुंचाने पर भी मंथन शुरू हो गया है। बता दें कि काउंटर वेट टेक्नोलाॅजी से उस दौरान 110 शानन पावर हाउस के निर्माण में इस्तेमाल होने वाली भारी भरकम मशीनरी को बरोट स्थित रेजर वायर पहुंचाने के लिए इसका इस्तेमाल किया गया था। इस समय में परियोजना के पैन स्टाॅक, पाइप लाइन की देख-रेख और मरम्मत के लिए हेरिटेज ट्राॅली को परियोजना के कर्मचारियों के लिए प्रयोग किया जाता है।
#खबर अभी अभी मंडी ब्यूरो*





