ऑपरेशन सिंदूर के बाद यूपी में रेड अलर्ट, ताज पर बढ़ाई गई सुरक्षा, CISF दिखी मुस्तैद

भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर के बाद ताजमहल पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सीआईएसएफ को मुस्तैद किया गया है। इसके साथ ही बैरिकेडिंग पर भी जांच बढ़ाई गई है। पाकिस्तान से युद्ध की आशंका पर ताजमहल समेत स्मारकों पर भी अलर्ट है। सीआईएसएफ के जवान मुस्तैद हैं। बैरिकेडिंग पर भी सख्ती से जांच की गई। मॉक ड्रिल कर सुरक्षा व्यवस्था भी परखी गई। नवागत अधीक्षण पुरातत्वविद ने ताजमहल और फतेहपुर सीकरी का निरीक्षण किया।

ताजमहल की ओर के रास्तों पर सुरक्षा को देखते हुए बैरिकेडिंग पर सख्ती से जांच की गई। लोगों के पहचानपत्र देखे गए, वाहनों की भी जांच की गई। शाम तक सघन जांच अभियान चलता रहा। ताजमहल पर सीआईएसएफ के जवान भी मुस्तैद रहे।अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ. स्मिथा एस. कुमार ने ताजमहल का निरीक्षण किया। यहां रॉयल गेट से लेकर पूरा परिसर देखा और सुरक्षा व्यवस्था की स्थिति देखी। शाम को ताजमहल पर मॉक ड्रिल की। इसमें हमला होने पर पर्यटकों को सुरक्षित स्थान पर लेकर जाने और ताजमहल की सुरक्षा के लिए मुस्तैदी दिखाई।

विदेशी पर्यटकों की हर दो घंटे में प्रशासन को देंगे सूचना
होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश चौहान ने बताया कि प्रशासन के साथ बैठक हुई। इसमें पर्यटकों की सुरक्षा के लिए मॉक ड्रिल के बारे में बताया। विदेशी पर्यटकों की सूचना हर दो घंटे में प्रशासन को देने की कोशिश की जाएगी। सामान्य दिनों में 24 घंटे में सूची दी जाती थी। पाकिस्तानी पर्यटक आने पर भी जानकारी देने को भी कहा है, लेकिन काफी समय से पाकिस्तानी पर्यटक आगरा नहीं आ रहे हैं। आपात स्थिति में जरूरत पर होटल भी प्रशासन को निशुल्क उपलब्ध करा दिए जाएंगे।

पर्यटकों की संख्या आधी से भी हुई कम
भारत-पाकिस्तान में बढ़ते तनाव को देखते हुए ताजमहल देखने आने वाले पर्यटकों पर भी असर पड़ा है। बुधवार को 12245 पर्यटकों ने ताजमहल निहारा। इनमें विदेशी पर्यटकों की संख्या 932 है, अन्य दिनों में इनकी संख्या तीन हजार तक होती है। सामान्य दिनों की बात करें तो औसतन 28 हजार पर्यटक ताजमहल देखने आते हैं।

1971 में काले कपड़े से ढका था ताजमहल
पाकिस्तान से 1971 में हुए युद्ध के दौरान भी ताजमहल को खतरा था। ऐसे में इसे काले कपड़े से करीब दो सप्ताह तक ढका गया था। युद्ध में विजयी होने के बाद इससे काला कपड़ा हटाया गया।

मॉक ड्रिल: सायरन बजा
ताजमहल पर भी खतरे को देखते हुए मॉक ड्रिल किया। शाम को 7 बजे एएसआई कर्मचारी और सीआईएसएफ के जवानों ने भाग लिया। सायरन बजते ही सभी सक्रिय हो गए। पर्यटकों को बचाकर सुरक्षित स्थानों पर लेकर गए। घायल को स्ट्रेचर पर लेकर अस्पताल पहुंचाया।

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