

नई दिल्ली | भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर के 25 घंटे बाद रविवार को तीनों सेनाओं के सैन्य महानिदेशकों (डीजीएमओ) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, वाइस एडमिरल एएन प्रमोद, मेजर जनरल एसएस शारदा और एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती ने ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी दी। लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि आप सबको पता है कि पहलगाम अटैक में किस क्रूरता से 26 लोगों को मारा गया था। इसके बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके स्थित आतंकी ठिकानों को टारगेट किया। इसमें दुश्मनों को भारी नुकसान हुआ। घई ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत सात मई को हुई कार्रवाई में सीमा पार नौ ठिकानों पर हमने 100 आतंकवादी मार गिराए। इसमें कंधार हाईजैक और पुलवामा अटैक में शामिल तीन बड़े आतंकी चेहरे यूसुफ अजहर, अब्दुल मलिक रऊफ और मुदस्सिर अहमद भी शामिल थे। सात मई को हुई कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइल्स से हमारे बॉर्डर स्टेट्स में स्थित सैन्य ठिकानों पर हमले की कोशिश की। हमनें उन्हें हवा में ही मार गिराया।
एक भी टारगेट सक्सेस नहीं होने दिया। उन्होंने जवाबी कार्रवाई में कई आम लोगों, गांवों और धार्मिक स्थलों जैसे गुरुद्वारों को भी निशाना बनाया, जिससे दुखद रूप से कई निर्दोष लोगों की जान चली गई। इसके बाद हमने पाकिस्तान को जवाब देते हुए सख्त कार्रवाई की, जिसमें पाकिस्तानी सेना के 35 से 40 सैनिक और अफसर मारे गए। बॉर्डर और एलओसी पर हुई पाकिस्तानी सेना की गोलीबारी में हमारे पांच जवान शहीद हुए हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आर्मी और एयरफोर्स ने हमारी सीमा में घुसपैठ नहीं की। हमने जो टारगेट चुना, उसे जितना नुकसान पहुंचाने की योजना थी, उतना पहुंचाया। हमारा काम टारगेट हिट करना था, यह देखना नहीं कि कितने मारे गए। डीजीएमओ लेफ्टिनेंट घई ने बताया कि नौ और 10 मई की रात भी ड्रोन और विमानों से वैसी ही घुसपैठ की कोशिश हुई। इस बार दुश्मन ने खास तौर पर हमारे एयरफील्ड्स और कुछ बेहद जरूरी लॉजिस्टिक (सप्लाई) ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की, लेकिन फिर एक बार भारतीय वायु सेना और थल सेना की साझा वायु रक्षा प्रणाली ने इन हमलों को पूरी बहादुरी और कुशलता से नाकाम कर दिया। दुश्मन का कोई भी हमला कामयाब नहीं हो पाया। उन्होंने आगे कहा कि कुछ एयरफील्ड और लॉजिस्टिक ठिकानों पर हवाई हमलों की कई लहरें आईं, लेकिन सभी को नाकाम कर दिया गया। सेना के अधिकारियों ने तस्वीरों के साथ विस्तार से बताया कि पाकिस्तान में सैन्य कार्रवाई से पहले के हालात कैसे थे और बाद का मंजर कैसा है।
हमने वहां हमला किया, जहां उन्हें सबसे ज्यादा दर्द हो
एयरमार्शल भारती ने बताया कि जम्मू, उधमपुर, पठानकोट, नाल, डलहौजी, फलौदी में पाकिस्तान ने हमला किया। हम तैयार थे, हमारे ट्रेंड क्रू ने एयर डिफेंस सिस्टम से तबाह कर दिया। हमारी जमीन पर उनके लगातार हमलों से कोई नुकसान नहीं पहुंचा। उनके लगातार एयरबेस और पोस्ट पर हमले के बाद हमने उन्हें जवाब दिया। हमने वहां हमला किया, जहां उन्हें सबसे ज्यादा दर्द हो। हमने उनके एयरबेस कमांड सिस्टम, मिलिट्री एयरबेस पर हमला किया। चकलाला, रफीकी, रहरयार खान में हमला किया। हमने उन्हें कहा कि आक्रामकता को माफ नहीं किया जाएगा। हमारे पास उनके हर बेस पर हर सिस्टम को निशाना बनाने की क्षमता है। हम चाहते हैं कि हमारे शत्रु आगे तनाव बढ़ाने की कोशिश न करे।
पाक डीजीएमओ ने कॉल कर युद्धविराम की बात कही
एयरमार्शल भारती ने बताया कि मुझे 10 मई को पाकिस्तानी डीजीएमओ ने कॉल किया। पाकिस्तान के डीजीएमओ से शनिवार दोपहर साढ़े तीन बजे बातचीत हुई, जिसमें तय हुआ कि सात बजे के बाद से कोई हमला नहीं किया जाएगा। अगली बातचीत 12 मई को होगी। कुछ ही घंटों बाद ही उन्होंने संघर्ष विराम तोड़ा। ड्रोन अटैक किया और फायरिंग की। हमने उन्हें मैसेज भेजा कि हम पर किए गए हमले का जवाब हमने दिया है। अगर रात को भी ऐसा किया, तो हम जवाब देंगे। इसके बाद हमारे आर्मी चीफ ने हमें जवाब देने के लिए पूरी अथॉरिटी दी है। हमारे पांच जवान मारे गए, उन्हें हम श्रद्धांजलि देते हैं। हमने तनाव बढ़ाने वाली कोई प्रतिक्रिया नहीं की, लेकिन अगर हमारी संप्रभुता और अखंडता पर हमला किया गया तो इसका निर्णायक जवाब देंगे।
वायुसेना ने हासिल किया लक्ष्य, पर अब भी जारी है ऑपरेशन सिंदूर
भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिन की युद्ध जैसी स्थिति के बाद सीजफायर के ऐलान के बाद रविवार को भारतीय वायुसेना ने एक बयान जारी कर कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर अब भी जारी है। वायुसेना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि भारतीय वायुसेना ने ऑपरेशन सिंदूर के लक्ष्य सफलतापूर्वक हासिल किए हैं। राष्ट्र के हित में यह ऑपरेशन बहुत ही आक्रामक ढंग से चलाया गया। हालांकि यह ऑपरेशन अब भी जारी है। आगे इसकी विस्तृत जानकारी दी जाएगी। वायुसेना अफवाहों और अप्राणित जानकारी पर विश्वास करने से बचने की सलाह देती है। गौरतलब है कि इस ऑपरेशन के दौरान वायु सेना के प्लेटफार्म और उसके पायलटों के संबंध में अलग-अलग तरह की विवादास्पद जानकारियां साझा की जा रही हंै। गौर हो कि स्थिति अब शांत हो गई है, लेकिन कई सीमावर्ती क्षेत्रों के लोग कई दिनों तक जारी रही गोलाबारी और ड्रोन संबंधी घटनाओं के कारण अब भी आशंकित हैं।



