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29 नवम्बर 2022
कर्नाटक सरकार ने मधुमेह और गैर-संचारी रोग की जांच के लिए अहम कदम उठाया है। कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर ने सोमवार को कहा कि 30 वर्ष से अधिक आयु के प्रत्येक व्यक्ति को नम्मा क्लिनिक के माध्यम से मधुमेह की जांच की जाएगी। साथ ही इसकी रोकथाम के लिए हरसंभव कोशिश की जाएगी।
आरोग्य सिटी समिट में बोलते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार ने गैर-संचारी रोगों के प्रबंधन और वृद्धि को रोकने के लिए शहरी क्षेत्रों में 438 नम्मा क्लीनिक शुरू करने का फैसला लिया है। नम्मा क्लीनिक मुख्य रूप से झुग्गियों और अन्य क्षेत्रों में लोगों का उपचार करने के लिए शुरू की जा रही हैं। नम्मा क्लीनिक में बड़े पैमाने पर स्क्रीनिंग करने के बाद एनसीडी के जोखिम वाले लोगों का एक डेटाबेस बनाया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि लगभग 75 प्रतिशत मधुमेह रोगियों का इलाज नहीं हो पा रहा है। इसलिए 30 साल से ऊपर के सभी लोगों की मधुमेह की जांच की जाएगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 6,500 से अधिक स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र पहले ही शुरू किए जा चुके हैं और इनके माध्यम से मधुमेह की जांच भी की जाएगी। सुधाकर ने कहा कि 200 से अधिक नम्मा क्लीनिक तैयार हैं, जिनमें से 100 बेंगलुरु से बाहर हैं, उनका उद्घाटन इसी महीने किया जाएगा। पिछले तीन वर्षों में राज्य की 50 प्रतिशत आबादी की गैर-संचारी रोगों की जांच की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य अगले 18 महीनों में राज्य की शत-प्रतिशत आबादी का स्वास्थ्य परीक्षण करना है।
केंद्र सरकार ने कर्नाटक के ई-मानस प्लेटफॉर्म पर आधारित एक नया टेली-मेंटल हेल्थ प्लेटफॉर्म शुरू किया है। बहुत से लोग इस बात से अनजान हैं कि उन्हें मानसिक स्वास्थ्य संबंधी कठिनाइयां हैं। कैंसर के साथ भी ऐसी ही स्थिति है। कैंसर के बारे में अधिक जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
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