कांग्रेस सरकार कर्मचारी विरोधी : कश्यप

#खबर अभी अभी शिमला ब्यूरो*

30 जनवरी 2024

भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने कहा कि वर्तमान कांग्रेस सरकार कर्मचारी विरोधी सरकार है। जिस प्रकार से पूरे प्रदेश में कर्मचारी सड़कों पर है और अपना अधिकार मांग रहा है उसे पूर्ण रूप से स्पष्ट होता है कि यह सरकार कर्मचारी विरोधी है। हिमाचल प्रदेश में सभी वर्गों के कर्मचारी चाहे वह डॉक्टर, आईपीएस, पीडब्ल्यूडी, पुलिस, आउटसोर्स, एसएमसी, एचआरटीसी, बिजली बोर्ड, पेंशन भोगी, सभी निगम और बोर्ड सभी परेशान और हताश है।

उन्होंने कहा की पेंशनरों को राज्य स्तरीय पूर्ण राज्यत्व दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से पूर्ण आशा थी कि पेंशनरों के देय आर्थिक लाभों पर कोई घोषणा होगी, परंतु पेंशनरों को निराशा ही मिल पाई। उम्मीद थी कि पेंशन संशोधन की 80 फीसदी बकाया राशि, ग्रेच्युटी, लीव-एन-कैशमेंट, कम्युटेशन, महंगाई भत्ते की किस्तें, चिकित्सा बिलों के भुगतान के लिए पर्याप्त बज़ट न मिलना आदि को पूरा करने हेतु कम से कम महंगाई भत्ता की किस्त जारी करने की घोषणा तो हो जाएगी। नई सरकार का कार्यकाल एक वर्ष से ज्यादा हो चुका है, परंतु वरिष्ठ पेंशनरों के प्रति सरकार की उदासीनता बढ़ती जा रही है। इलाज़ के लिए अपनी जेब से खर्च की गई राशि के दौरान लाखों के चिकित्सा बिलों का वर्षों से विभागों द्वारा भुगतान नहीं किया जा रहा है। बहुत से पेंशनर या फैमिली पेंशनर इस दुनिया को छोड़ चुके हैं। मृतक पेंशनरों के वैधानिक उत्तराधिकारियों को सरकार की ओर से अभी तक एक पैसा तक नहीं मिल पाया है।

उन्होंने कहा प्रदेश सरकार द्वारा शास्त्री पद के लिए आरएंडपी में बदलाव किया गया है। इसके खिलाफ बेरोजगार शास्त्रियों ने शिमला में संस्कृत एवं संस्कृति संरक्षण संघ के बैनर तले सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। संघ ने सरकार पर संस्कृत को बढ़ावा देने की बजाय इसको खत्म करने के आरोप लगाए हैं। भारतीय जनता पार्टी इस बात से सहमत है। सरकार ने शास्त्री पदों के लिए एनसीटीई का हवाला देकर आर एंड पी रूल बदल दिए हैं जिससे शास्त्रियों का भविष्य खतरे में पड़ गया है। सरकार ने शास्त्री पदों के लिए बीए के साथ संस्कृत और बीएड को मान्यता दे दी है और शास्त्रियों को बीएड करने को कहा जा रहा है। जबकि चार से पांच हजार शास्त्री प्रदेश में बेरोजगार हैं।

कश्यप ने कहा की स्थायी पॉलिसी की मांग को लेकर एसएमसी शिक्षकों ने एक बार फिर क्रमिक अनशन पर बैठने की चेतावनी दी है। हम इन कर्मचारियों के साथ है। प्रदेश में 2555 शिक्षक अभी तक अपने हकों के इंतजार में हैं। मुख्यमंत्री ने कहा था कि उनके लिए कैबिनेट सब कमेटी बन गई है। 28 जून 2023 को सरकार की ओर से कैबिनेट सब कमेटी का गठन किया था लेकिन यह कमेटी आज तक नहीं बनी। इसके बाद एमएमसी के सदस्य दोबारा शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर से मिले। शिक्षा मंत्री का यह कहना था कि एसएमसी के लिए फिलहाल सरकार के पास बजट नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार के पास क्या एसएमसी के लिए ही बजट नहीं है ? यह दुर्भाग्यपूर्ण है, अभी तक बनाई केबिनेट सब कमेटी पर ही सरकार काम नहीं कर रही है। एसएमसी शिक्षक 12 सालों से स्कूलों में सेवाएं दे रहे हैं।

#खबर अभी अभी शिमला ब्यूरो*

Share the news