कार के मालिक को नौ फीसदी ब्याज सहित लौटाएं ढाई लाख रुपये

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21 फरवरी 2023

धर्मशाला उपभोक्ता आयोग ने कार खरीदने के बाद उपभोक्ता को बिल और अन्य दस्तावेज उपलब्ध न करवाने पर कंपनी को 2,66,095 रुपये की राशि नौ प्रतिशत ब्याज सहित लौटाने के आदेश दिए हैं। साथ ही उपभोक्ता मंच ने कंपनी को एक लाख रुपये मुआवजा और 10 हजार रुपये मुकद्दमा फीस देने के लिए भी कहा है। यह फैसला जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष हेमांशु मिश्रा, सदस्य नारायण ठाकुर और आरती सूद की खंडपीठ ने सुनाया है। जानकारी के अनुसार उपभोक्ता आयोग के समक्ष अवतार सिंह निवासी बणी डाकखाना मैरा तहसील रक्कड़ ने शिकायत दर्ज करवाई थी कि उन्होंने घुरकड़ी स्थित एक मोटर कंपनी से नैनो कार वर्ष 2015 में खरीदी थी। उन्होंने अपनी पुरानी कार के साथ नई कार की खरीद के लिए एक्सचेंज किया तथा कुछ राशि को फाइनांस करवाया था।

उन्होंने शिकायत में कहा कि 18 जुलाई, 2015 को जब उन्हें कार सौंपी गई तो कंपनी की तरफ से उन्हें गेट पास और अस्थायी नंबर दिया गया था। इसके बाद उन्होंने कंपनी को बार-बार बिल और फार्म नंबर 22 सहित कुछ अन्य दस्तावेज देने का आग्रह किया, लेकिन कंपनी ने यह दस्तावेज उपलब्ध नहीं करवाए। इसके बाद उन्होंने कंपनी को 20 जुलाई, 2020 को लीगल नोटिस भेजा,इसके बाद उपभोक्ता के पक्ष में फैसला सुनाया गया। इस दौरान कंपनी ने राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग शिमला में याचिका दायर की, जिस पर आयोग ने दोबारा से कंपनी को नया नोटिस भेजने के आदेश दिए। कंपनी को दोबारा नोटिस भेजने के बाद भी कंपनी का कोई प्रतिनिधि न्यायालय के समक्ष पेश नहीं हुआ। वहीं, उपभोक्ता की ओर से पेश किए गए तथ्यों में सामने आया कि उपभोक्ता ने फाइनांस की राशि भी चुका दी थी। बावजूद इसके मोटर कंपनी ने उन्हें संबंधित दस्तावेज उपलब्ध नहीं करवाए गए। इस पर जिला उपभोक्ता आयोग ने तथ्यों को परखने के बाद मोटर कंपनी को 2,66,095 की राशि नौ प्रतिशत ब्याज सहित लौटाने के साथ मुआवजा राशि और 10 हजार रुपये मुकद्दमा फीस देने के आदेश दिए हैं।

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