
#खबर अभी अभी सोलन ब्यूरो*
16 अप्रैल 2023
निर्माणाधीन किरतपुर-नेरचौक फोरलेन में बिलासपुर और मंडी में परिवर्तित भूमि को अभी तक केंद्र सरकार के नाम नहीं किया गया है। तहसीलदार मनाली ने अपने कार्यालय की पत्र संख्या 289-90 में इसकी पुष्टि की है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की भूमि अधिग्रहण इकाई और प्रदेश सरकार के राजस्व विभाग ने परियोजना में तीन जिलों कुल्लू, मंडी और बिलासपुर की 10 तहसीलों, तीन उप तहसीलों में कुल 208 इंतकाल निजी भूमि के केंद्र सरकार के नाम दर्ज व तस्दीक किए हैं। लेकिन, इन इंतकालों में अभी बिलासपुर व मंडी की सरकारी और वन भूमि की एनएचएआई के नाम परिवर्तित भूमि का कोई भी इंतकाल केंद्र सरकार के नाम न तो दर्ज हुआ है और न ही तस्दीक हुआ है।
बिलासपुर में जिस तहसीलदार ने निजी भूमि का अधिग्रहण किया, उसी ने इस भूमि को केंद्र सरकार के नाम दर्ज व तस्दीक कर दिया। इन इंतकालों को करते समय किसी भी मलकीयत, सरकारी और मुश्तरका मालिक को मौके पर भी नहीं बुलाया गया था, जोकि हिमाचल प्रदेश भू अधिनियम 1954 की धारा 35(3),(7) का सीधा उल्लंघन है। फोरलेन विस्थापित एवं प्रभावित समिति के महासचिव मदन लाल शर्मा ने कहा कि आरटीआई के अनुसार उपतहसील औट जिला मंडी ने यह भी जानकारी उपलब्ध करवाई है कि उपतहसील औट में चार मुहाल ऐसे पाए गए, जिनमें इंतकालों के साथ अधिग्रहीत की गई भूमि के मुहालों के नक्शे ही संलग्न नहीं हैं।
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