

शिमला/ऊना : हिमाचल प्रदेश में 3100 टन यूरिया खाद की खेप विभिन्न जिलों को आवंटित की गई है। इसमें सबसे अधिक खाद ऊना जिला के लिए 700 टन जारी हुई है। इसके अलावा कांगड़ा, चंबा, मंडी, सिरमौर, सोलन और शिमला के लिए भी खाद आवंटित की गई। कई इलाकों में बीते कुछ दिन से खाद की किल्लत चली आ रही थी। नई खेप आने से किसानों ने राहत की सांस ली है।कृषि विशेषज्ञों के अनुसार इस समय मक्की की फसल के लिए यूरिया खाद का छिड़काव बेहद जरूरी है। इससे पौधे का अच्छा विकास हो पाए। बीते दिनों लगातार बारिश से अब पौधों को पोषक तत्वों की आवश्यकता है। इसे ध्यान में रखते हुए विभिन्न जिलों की जरूरत अनुसार इफको खाद की खेप आवंटित की गई है। इसमें सबसे अधिक खाद ऊना जिला में 700 टन, कांगड़ा और चंबा सर्कल में 600 टन, मंडी में 500 टन, सोलन-सिरमौर में 650 टन और शिमला बिलासपुर में 650 टन खाद की खेप भेजी गई। एक टन खाद में 22 करीब बैग होते हैं। प्रदेशभर में खाद के कुल 68200 बैग वितरित किए गए।
ध्यान रहे कि हिमाचल प्रदेश के लिए आने वाली यूरिया खाद की खेप चंडीगढ़ और होशियारपुर में मालगाड़ियों के अनलोड की जाती है। इसके बाद जरूरत के अनुसार सभी जिलों में गाड़ियों के जरिए आबंटन होता है। हालांकि आपदा प्रभावित इलाकों में अभी खाद की आवश्यकता कम है और वहां तक खेप पहुंचाना मुश्किल भी। दूसरी ओर ऊना जैसे मैदानी जिलों में फसलों की स्थिति अच्छी और खाद की मांग भी अधिक है।
क्षेत्र के किसान बलबीर कुमार, अमृत लाल, श्याम लाल, अमित कुमार ने कहा कि इस समय मक्की की फसल को खाद की आवश्यकता है। इसके लिए कई दिनों से गोदामों के चक्कर लगा रहे थे। नई खेप आने से राहत मिली है। कहा कि लगातार बारिश से जमीन में पर्याप्त नहीं है। वीरवार को मौसम साफ हुआ है। अब खाद और कीटनाशकों का छिडकाव करना जरूरी है, ताकि फसल से बेहतर नतीजे मिल पाएं।
12-32-16 की 1800 टन खेप उपलब्ध
इफको ऊना के क्षेत्रीय प्रबंधन माशूक अहमद ने बताया कि उनके पास यूरिया के अलावा डीएपी और 12-32-16 की 1800 टन खाद मौजूद है। कहा कि आने वाले दिनों में आलू की बिजाई भी जोर पकड़ेगी। इसलिए पहले से अच्छी मात्रा में खाद गोदामों में उपलब्ध है। कहा कि किसान खाद के लिए नजदीकी गोदामों में संपर्क कर सकते हैं।



