#खबर अभी अभी शिमला ब्यूरो*
23 सितंबर 2023
हिमाचल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि माननीयों के खिलाफ दर्ज 65 आपराधिक मामले किस नियम के तहत वापस होंगे। अदालत ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि वह संबंधित नियम और सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को अदालत के समक्ष पेश करें। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 27 सितंबर को निर्धारित की है।
मामले की सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि सरकार ने कई वर्तमान और पूर्व विधायकों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले खत्म करवाने के लिए आवेदन दायर किया है। गृह विभाग ने अदालत से 65 अभियोगों को वापस लेने की अनुमति मांगी है। अदालत को बताया गया कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री समेत कई वर्तमान और पूर्व विधायकों के खिलाफ प्रदेश के 10 जिलों की अदालतों में अभियोग चल रहे हैं। आवदेन में दलील दी है कि विधायकों पर राजनीतिक द्वेष में मामले दर्ज किए हैं। किसी भी विधायक के खिलाफ गंभीर अपराध की सिफारिश नहीं है।
आवेदन सार्वजनिक नीति और न्याय के हित में अच्छे विश्वास से किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के तहत मामलों को निपटाने के लिए विशेष न्यायाधीश नियुक्त किए गए हैं, लेकिन अभी तक सिर्फ सात मामले निपटाए हैं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अश्विनी कुमार उपाध्याय बनाम भारत सरकार के मामले में आदेश दिए थे कि मौजूदा और पूर्व सांसदों और विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामलों के निपटारे के लिए विशेष अदालतें गठित हों। इस निर्णय की अनुपालना करते हुए हाईकोर्ट ने इन मामलों की सुनवाई के लिए 10 जिलों में विशेष अदालतों का गठन किया है।
राज्य सरकार की ओर से हाईकोर्ट में दायर सूची के अनुसार सुखविंद्र सिंह सुक्खू के खिलाफ तीन आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसके अलावा विक्रमादित्य सिंह तीन, अनिरूद्ध सिंह दो, विक्रम जरयाल दो, कुलदीप सिंह राठौर छह, राकेश सिंघा 25, भुवनेश्वर गौड़ पर चार आपराधिक मामले दर्ज हैं। जितेंद्र चौधरी, राजन सुशांत, हरीश जनारथा, मनीश ठाकुर, जगत सिंह नेगी, लोकेंद्र कुमार, निखिल कुमार, मनोज कुमार, तिलक राज, राजेश धर्माणी, विजय अग्निहोत्री, अजय सोलांकी, नसीर रावत, कुश कुमार, नीरज भारती, राकेश पठानिया, विजय राणा, विपिन परमार, प्रवीण शर्मा, नरेंद्र कुमार, मुकेश अग्निहोत्री और राम कृष्ण शाडिंल के खिलाफ एक-एक मामला दर्ज है। ये मामले शिमला, किन्नौर, कुल्लू, ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, सिरमौर, चंबा, कांगड़ा और मंडी की अदालतों में लंबित हैं।