
कुनिहार:विकास खंड कुनिहार की ग्राम पंचायत कोठी के अंतर्गत आने वाले छोटे से गांव लोहारा की होनहार बेटी तानिया भारद्वाज ने कड़ी मेहनत, अनुशासन और दृढ़ संकल्प के बल पर नर्सिंग ऑफिसर बनकर न केवल अपने परिवार बल्कि पूरे क्षेत्र का नाम रोशन किया है। तानिया का चयन देश के प्रतिष्ठित स्वास्थ्य संस्थान एम्स भटिंडा में नर्सिंग ऑफिसर के पद पर हुआ है। उनकी इस उपलब्धि से गांव लोहारा, पंचायत कोठी और आसपास के क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई है।
तानिया भारद्वाज के पिता मदन भारद्वाज हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) में चालक के पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं, जबकि माता मोनिका भारद्वाज एक गृहणी हैं। साधारण पारिवारिक पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखने वाली तानिया की यह सफलता इस बात का प्रमाण है कि सीमित संसाधनों के बावजूद मजबूत इच्छाशक्ति और निरंतर प्रयास से बड़े लक्ष्य हासिल किए जा सकते हैं।
अपनी शिक्षा यात्रा के बारे में जानकारी देते हुए तानिया ने बताया कि उन्होंने छात्र विद्यालय कुनिहार से नॉन-मेडिकल विषयों के साथ अपनी प्रारंभिक पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने नर्सिंग के क्षेत्र में करियर बनाने का निर्णय लिया और तीन वर्ष का जीएनएम (जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी) कोर्स सफलतापूर्वक पूर्ण किया। इसके उपरांत उन्होंने अपने ज्ञान और योग्यता को और मजबूत करने के उद्देश्य से दो वर्षीय पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई पूरी की।
प्रतियोगी परीक्षाओं की बेहतर तैयारी के लिए तानिया ने बालाजी नर्सिंग अकादमी, चंडीगढ़ में छह महीने की विशेष कोचिंग ली। कठिन परिश्रम और अनुशासित अध्ययन का ही परिणाम रहा कि उन्होंने एम्स नॉरसेट-9 तथा पीजीआई संगरूर जैसी प्रतिष्ठित परीक्षाओं को सफलतापूर्वक उत्तीर्ण किया। इन सभी पड़ावों को पार करते हुए तानिया ने न केवल अपना सपना साकार किया, बल्कि अपने माता-पिता और गुरुजनों की उम्मीदों पर भी खरी उतरीं।
तानिया ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, शिक्षकों और मार्गदर्शकों को देते हुए कहा कि उनके निरंतर सहयोग, प्रोत्साहन और सही दिशा-निर्देशन के बिना यह संभव नहीं हो पाता। वहीं, तानिया के माता-पिता ने कहा कि उन्हें अपनी बेटी पर गर्व है, जिसने दिन-रात कड़ी मेहनत कर यह मुकाम हासिल किया है और आज ग्रामीण क्षेत्र की बेटियों के लिए प्रेरणा बन गई है।
तानिया भारद्वाज की यह उपलब्धि क्षेत्र की अन्य बेटियों के लिए भी प्रेरणास्रोत है और यह संदेश देती है कि यदि लक्ष्य स्पष्ट हो और मेहनत सच्ची हो, तो किसी भी मंजिल को पाया जा सकता है।





