कुनिहार नगर डैम के पास पुरातन शिवलिंग से लोगों की मन्नत होती है पूरी, बाबाओं ने यहां की थी कठोर तपस्या

#खबर अभी अभी कुनिहार ब्यूरो*

1 सितंबर 2024

कहते हैं कि भक्त सच्ची श्रद्धा से भगवान से कुछ मांगे तो भगवान उसकी मन्नत जरूर पूरी करते हैं। लोग अपनी आस्था अनुसार दूर दूर मंदिरों शिवालयों में जाते हैं पूरे विश्व में भगवान भोलेनाथ के अनेकों मंदिर शिवालय व शिवलिंग स्थापित है।हर जगह की कोई न कोई घटना या कहानी होती हैं और वह जगह धीरे धीरे आस्था का केंद्र बन जाती है ,ऐसी ही एक कहानी कुनिहार क्षेत्र में कुनिहार बस अड्डे से महज 2 किलो मीटर की दूरी पर नगर डैम के पास पुरातन शिवलिंग की है जहां आजतक जिसने भी मन्नत की वह जरूर पूरी हुई है । स्थानीय निवासी जगदीश चंद व अन्य लोगो के अनुसार लगभग 45 वर्ष पहले 1980 -81 में बाबा किशन नाथ जिनकी जन्म भूमि जसूर कांगड़ा थी,जो साधु बनने के बाद दिल्ली एक मंदिर में रहते थे। उनको वहां सपने में इस जगह का वृतांत व गंभर नदी में शिवलिंग दिखा , यहां आने पर बाबा जी कुनिहार के जाने माने ख्याति प्राप्त पंडित जगर नाथ ,चेतराम, व गांव खनोल के पंडित भागीरथ जी से मिले जो गणना करने में माहिर थे। उनसे बाबा ने सपने के बारे विचार विमर्श किया तो पंडितो ने अपनी गणना अनुसार उनके सपने को सही पाया। और पंडितो के साथ नदी से शिवलिंग लेकर आए और 1982में यहां विधि विधान के साथ शिवलिंग स्थापित किया। प्रत्यक्ष दर्शी जगदीश चंद ने बताया कि उस समय बाबा जी ने यहां क्षेत्र की सुख समृद्धि के लिए अन्न का त्याग कर 41दिनों का उपवास रखा

लोगो व पंचायत के सहयोग से मिट्टी की कुटिया का निर्माण किया गया। उन्होंने बताया कि बाबा जी लगभग चार साल तक यहां रहे। उनके पास दूर दराज ,जय नगर, बाड़ीधार, कुफटू,दिल्ली आदि से यहां भक्त आते थे। उसके बाद कुछ और बाबा गरीब दास,बाबा मंदन गिरी जी यहां आए बाबा मदन गिरी ने भी यहां कई दिनों तक खड़ी कठोर तपस्या की थी।शिवरात्रि को भंडारा व शिवलिंग की पूजा को लोग आते थे। उन्होंने बताया कि 1988 के बाद से लोगों का यहां आना कम हो गया। धीरे धीरे जब लोगो ने यहां आना छोड़ दिया तो कुछ वर्षो बाद क्षेत्र में कुछ अनहोनी घटनाएं भी घटी।

जगदीश चंद ने बताया कि 14 दिसंबर 2023 को मुझे बाबा किशन नाथ सपने में दिखे और कहा कि आपके दो दो मकान बन गए है हमारी कुटिया की भी सुध लो। अगले दिन मैं इस स्थान पर आया। और साफ सफाई शुरू कर दी। लोगों के सहयोग से विधिवत पूजा करवाई, लोहड़ी व शिवरात्रि पर्व पर भोग बनाया गया। अब धीरे धीरे यहां लोगों की आवाजाही शुरू हो रही है। यहां शिव मंदिर निर्माण के लिए लोग श्रद्धा व सामर्थ्य अनुसार रेत,बजरी,सीमेंट व अन्य सामग्री दे रहे हैं। जल्द ही यहां मंदिर निर्माण होगा।

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