
कुल्लू : हिमाचल प्रदेश में जानलेवा बन चुके मौसम से लोगों की मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है। कुल्लू में वीरवार सुबह करीब 7:30 बजे इनर अखाड़ा बाजार के मठ क्षेत्र में दो घर भूस्खलन की चपेट में आ गए। इसमें 10 लोग मलबे में दब गए। इनमें से एक की मौत हो गई है। जबकि तीन बचा लिए गए हैं। एक महिला समेत छह लोग अब भी मलबे में दफन हैं। मंगलवार देर रात यहां भूस्खलन की एक अन्य घटना में दो लोग मलबे में दब गए थे, जिनका अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है। उधर, सराज ब्लॉक की ग्राम पंचायत चिऊणी में खड्ड पार कर रहे डोभा गांव के गोकल चंद (60) की डूबने से मौत हो गई है। प्रदेश में चार एनएच सहित 1,208 सड़कें, 1,885 बिजली के ट्रांसफार्मर, 824 पेयजल योजनाएं ठप हैं। मंडी, कुल्लू और शिमला जिला सबसे अधिक प्रभावित हैं।
इनर अखाड़ा बाजार में भूस्खलन की चपेट में आने से मेराज (30) निवासी गुरेज गांव जिला बांदीपुर जम्मू-कश्मीर की जान गई है। जबकि सुमन पत्नी बलदेव कृष्ण शर्मा के अलावा पांच अन्य कश्मीरी मजदूर अभी मलबे में दबे हैं। वहीं, लाहौल की चोटियों पर ताजा बर्फबारी भी हुई है। चुराह की देहरा पंचायत में निर्माणाधीन 48 मेगावाट के चांजू-3 पावर प्रोजेक्ट के नाले में बाढ़ से मशीनरी और अन्य सामान मलबे में दफन हो गया। चंबा-भरमौर हाईवे धरवाला से आगे बंद है। कालका-शिमला रेलवे ट्रैक मूसलाधार बारिश के बीच फिर धंस गया है। पट्टामोड़ के पास ट्रैक के आसपास काफी दरारें आ गई हैं।
किलाड़ मुख्यालय से पांगी की 12 पंचायतों का सड़क संपर्क कट गया है। खड़ामुख-होली मार्ग पर सुहागा के समीप मार्ग बहाली के कार्य में जुटा जेसीबी मशीन ऑपरेटर भूस्खलन के मलबे की चपेट में आकर घायल हो गया है। मंडी में पंडोह से औट के बीच चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे बार-बार बंद हो रहा है। पांच दिनों से सब्जी, फल व अन्य सामग्री के साथ सैकड़ों मालवाहक वाहन यहां फंसे हैं। सड़क बंद होने से फंसी गर्भवती महिला को बुधवार रात कड़ी मशक्कत कर रेस्क्यू किया गया।
कुल्लू-मंडी की सीमा पर ग्राम पंचायत राहला में भूस्खलन से जमीन धंसने का सिलसिला जारी है। यहां प्रशासन ने 22 घर खाली करवाए हैं। कांगड़ा जिले में पौंग बांध का जलस्तर 1394.67 फीट पहुंच गया है। 99673 क्यूसिक पानी छोड़ा गया है। ऊना में मक्की की फसल खेतों में बर्बाद हो गई है। राजधानी शिमला में वीरवार को दिन भर रिमझिम बारिश का दौर जारी रहा। वीरवार को प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में भी हल्की बारिश ही दर्ज हुई। उधर, कालका-शिमला नेशनल हाईवे-5 पर सफर करना मुश्किल भरा हो गया है। परवाणू से कैथलीघाट तक वीरवार को दिनभर पत्थर और मलबा गिरने का सिलसिला जारी रहा। बरोटीवाला की गोयला पंचायत के पन्नाथरी गांव के 10 परिवारों के घरों में दरारें आने से उन्हें सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट कर दिया गया है।
शुक्रवार को पांच जिलों में बारिश का येलो अलर्ट, कल से कुछ राहत
प्रदेश के पांच जिलों कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर के कुछ क्षेत्रों में शुक्रवार को बारिश का येलो अलर्ट जारी हुआ है। अन्य जिलों के लिए चेतावनी नहीं है, लेकिन बारिश की संभावना है। शनिवार से बारिश की रफ्तार में कुछ कमी आने का पूर्वानुमान है, जिससे कुछ राहत मिलेगी
क्षेत्र बारिश मिलीमीटर में
भुंतर 70
कसौली 67
मनाली 54
बिलासपुर 51
शिमला 48
सोलन 44
मंडी 36
नाहन 22
मानसून में अब तक 355 लोगों की हुई माैत, 3,787 करोड़ का नुकसान
हिमाचल प्रदेश में जारी बारिश के बीच मानसून सीजन के दौरान अभी तक कुल 3787 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हो चुका है। इस मानसून सीजन में 20 जून से 3 सितंबर तक 355 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। 416 लोग घायल हुए हैं। 49 लोग अभी भी लापता हैं। इस दौरान 161 लोगों की सड़क हादसों में मौत हुई है। प्रदेश में इस अवधि में बादल फटने की 50, बाढ़ की 95 और भूस्खलन की 130 घटनाएं हुई हैं। इनमें 1627 पक्के और 3567 कच्चे घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। 447 दुकानों और 4510 गोशालाओं को भी नुकसान हुआ है।





