केंद्र सरकार जल्द जारी करे जल जीवन मिशन का बकाया पैसा: मुकेश अग्रिहोत्री

शिमला : केन्द्र सरकार हिमाचल को जल्द से जल्द जल जीवन मिशन का बकाया पैसा रिलीज करे। हिमाचल के उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि इस संंबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी प्रदेश की तरफ से पत्र लिखा गया है मगर अभी तक केन्द्र सरकार यह पैसा जारी नहीं कर रही है। शिमला में मीडिया से अनौपचारिक बातचीत करते हुए मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि यह पैसा जल्द से जल्द जारी होना चाहिए क्योंकि पैसा नहीं होने की वजह से यहां पर काम रूक गए हैं। हिमाचल में जल जीवन मिशन के तहत 6200 करोड़ रूपए की राशि मंजूर की गई थी जिसमें से प्रदेश को अभी तक 5100 करोड़ रूपए ही हासिल हो सका है। अभी भी वहां से 1100 करोड़ रूपए लेने हैं। मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि इस कारण से जो काम रूकें हैं उनको आगे बढ़ाने में दिक्कत हो रही है क्योंकि अभी तक ठेकेदारों की पुरानी पेमेंट ही रिलीज नहीं हो पाई है। ठेकेदारों को उनका पैसा नहीं मिल पाने की वजह से उन्होंने सभी काम रोक दिए हैं। राज्य सरकार के पास इतना पैसा नहीं है कि वो इसपर पैसा खर्च कर सके।

इसके अलावा प्रोजेक्ट के तहत डाटा एंट्री ऑपरेटर भी रखे गए हैं जिनकी तीन महीने से सेलेरी नहीं मिल पाई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की तरफ से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक पत्र भेजा गया है जिसमें उनसे आग्रह किया गया था कि हिमाचल क्योंकि पहाड़ी राज्य है और इसकी विकट स्थिति है यहां पर जरूरत के हिसाब से पैसा दिया जाना चाहिए। जल जीवन मिशन में हिमाचल को इससे पहले इंसेंटिव भी मिल चुके हैं क्योंकि प्रदेश ने अच्छा काम किया था। पूर्व सरकार के समय में समय पर पैसा रिलीज किया जाता था मगर अब यहां पैसा नहीं दिया जा रहा है जोकि हिमाचल के साथ भेदभाव है। बार-बार दिल्ली में मामला उठाने के बावजूद यहां पर पैसा नहीं दिया जा रहा है जिस कारण काम नहीं हो पा रहे हैं। मुकेश ने कहा कि उन्होंने विधानसभा में भी जल जीवन मिशन को लेकर स्थिति साफ कर दी है और तब से लेकर लगातार मांग उठाई जा रही है परंत केन्द्र सरकार पैसा नहीं दे रही है। दोबारा उनसे आग्रह किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इसपर संज्ञान लेना चाहिए और मंत्रालय जल्द पैसा रिलीज करे ताकि पहाड़ी राज्य में तेजी के साथ इस मिशन को पूरा किया जा सके। उन्होंने कहा कि अभी जेजेएम में दूसरे चरण का मिशन भी आना है जिसके लिए हिमाचल तैयार है और उसने समय पर अपने टारगेट को भी पूरा किया है। परंतु पैसा नहीं होने की वजह से अब टारगेट भटकने लगा है जिसमें अंतिम चरणों में काम होना था।

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