कैडेट कृतिका द्वारा माउंट एवरेस्ट शिखर की सफल चढ़ाई पर रिपोर्ट 1 एचपी गर्ल्स बटालियन एनसीसी, सोलन

यह 1 एचपी गर्ल्स बटालियन एनसीसी, सोलन के लिए अत्यंत गर्व और सम्मान की बात है कि कैडेट कृतिका, जो राजकीय महाविद्यालय, पांवटा साहिब की छात्रा हैं, ने 18 मई 2025 को माउंट एवरेस्ट के शिखर को सफलतापूर्वक फतह किया है। उनका यह असाधारण साहसिक कार्य न केवल उनके महाविद्यालय और बटालियन, बल्कि पूरे हिमाचल प्रदेश एनसीसी समूह के लिए गौरव का विषय है।

कैडेट कृतिका की इस ऐतिहासिक यात्रा की शुरुआत 4 अगस्त 2024 को हुई, जब उन्हें तत्कालीन कमांडिंग ऑफिसर कर्नल संजय शांडिल द्वारा माउंट एवरेस्ट अभियान के लिए चयनित किया गया। उनकी प्रतिभा को पहचानते हुए, उन्हें कठोर और विशिष्ट प्रशिक्षण प्रदान किया गया, जिसमें कई ट्रायल कैंप, एक बेसिक माउंटेनियरिंग कोर्स, और एक एडवांस माउंटेनियरिंग अभियान शामिल थे। इस प्रशिक्षण ने उन्हें इस चुनौतीपूर्ण कार्य के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तरह तैयार किया।

इस पूरे अभियान के दौरान कर्नल संजय शांडिल उनके लिए प्रेरणा और मार्गदर्शन के स्तंभ बने रहे। उन्होंने हर चरण पर उन्हें प्रोत्साहित किया और उनके आत्मविश्वास को बढ़ाया। उनका मार्गदर्शन और विश्वास कैडेट कृतिका के मनोबल को ऊंचा बनाए रखने में महत्वपूर्ण रहा।

अपने दृढ़ संकल्प, अनुशासन और साहसिक भावना के बल पर कैडेट कृतिका ने दुनिया की सबसे ऊँची चोटी पर तिरंगा फहराया और आज के युवाओं के लिए एक प्रेरणा बन गईं। वे बटालियन की दूसरी कैडेट बनीं हैं जिन्होंने एवरेस्ट शिखर को फतह किया है। इससे पहले कैडेट बलजीत कौर ने यह गौरव प्राप्त किया था।

कैडेट कृतिका की यह उपलब्धि आज के युवाओं को नशे और सोशल मीडिया की लत से दूर रहने और अपनी ऊर्जा को पर्वतारोहण एवं खेलों जैसी चुनौतीपूर्ण और रचनात्मक गतिविधियों में लगाने के लिए प्रेरित करती है।

कर्नल संजय शांडिल कैडेट कृतिका और उनकी एसोसिएट एनसीसी ऑफिसर लेफ्टिनेंट पूजा भट्टी को इस अद्वितीय सफलता के लिए हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देते हैं। उनके अथक प्रयासों से एक बार फिर 1 एचपी गर्ल्स बटालियन एनसीसी, सोलन का परचम वैश्विक मंच पर गर्व से लहराया है।

कर्नल शांडिल आज के युवाओं से भी आह्वान करते हैं कि वे कैडेट कृतिका के मार्ग का अनुसरण करें और खेल, साहसिक गतिविधियों तथा राष्ट्र निर्माण में सक्रिय रूप से भाग लें, जिससे वे स्वयं और देश – दोनों को गौरवान्वित कर सकें।

जय हिंद!

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