कैबिनेट के निर्णय: किराये के आधार पर होम स्टे को मिलेगी सिल्वर, गोल्ड व डायमंड कैटेगरी

शिमला | हिमाचल प्रदेश में कमरों के किराये के आधार पर होम स्टे सिल्वर, गोल्ड और डायमंड कैटेगरी में विभाजित किए जाएंगे। 1000 रुपये से कम किराये वाले होम स्टे सिल्वर कैटेगरी में आएंगे और इन्हें जीएसटी नंबर नहीं लेना होगा। कमरे का 1000 से अधिक किराया वसूलने वाले गोल्ड और डायमंड कैटेगरी के होम स्टे संचालकों को जीएसटी नंबर लेना होगा। मंत्रिमंडल की बैठक में मंगलवार को संशोधित होम स्टे रूल्स 2025 को मंजूरी दे दी गई।

सरकार ने प्रदेश में चल रहे होम स्टे के कमरों और बाथरूम के आकार की शर्त भी खत्म कर दिया है, लेकिन यह छूट सिर्फ पहले से पंजीकृत होम स्टे को ही मिलेगी, नए बनने वाले होम स्टे में डबल बेड व सिंगल बेड का आकार 120 वर्ग मीटर व 100 वर्ग मीटर ही रखना होगा और बाथरूम का आकार 80 वर्ग मीटर रखना होगा। मंत्रिमंडल ने ग्रामीण क्षेत्रों के लिए संरचना स्थिरता प्रमाणपत्र और रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन की एनओसी की शर्त से छूट देने का भी फैसला लिया है। प्रदेश में चल रहे पंजीकृत होम स्टे और बेड एंड ब्रेकफॉस्ट इकाइयों को पुन: पंजीकृत करने की शर्त यथावत रखी गई है।

आचरण संदिग्ध पाया गया तो दोबारा जाना होगा जेल
मंत्रिमंडल ने अच्छे व्यवहार के चलते जेल से रिहा होने वाले कैदियों के मामले में बदलाव का फैसला लिया है। सरकार ने ऐसे मामलों में शर्त जोड़ी है कि यदि जेल से छूटने के बाद आचरण संदिग्ध पाया जाता है तो कैदी को दोबारा जेल जाना होगा और सजा पूरी करनी पड़ेगी। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने बताया कि सरकार के संज्ञान में ऐसी शिकायतें आई हैं, जिनमें जेल से रिहा होने के बाद कई कैदियों की संदिग्ध गतिविधियों पाई गई हैं। इसे देखते हुए सरकार ने अब कैदियों को सशर्त छोड़ने का फैसला लिया है। गृह विभाग ने 26 कैदियों की सूची तैयार की है, जिनमें से 15 कैदी जेल से रिहा करने के लिए निर्धारित मानकों पर सही पाए गए हैं। कैबिनेट से अब यह प्रस्ताव राज्यपाल को भेजा जाएगा।
निजी ऑपरेटरों को 60:40 की ट्रांसपोर्ट पालिसी में छूट
कैबिनेट ने 422 स्टेज कैरिज रूट परमिट निजी बस ऑपरेटरों को जारी करने का फैसला लिया है। निजी ऑपरेटरों को 60:40 की ट्रांसपोर्ट पाॅलिसी का भी पालन नहीं करना होगा। ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को परिवहन सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए सरकार ने 60:40 की ट्रांसपोर्ट पाॅलिसी बनाई थी। इसके अनुसार रूट परमिट लेने पर 60 फीसदी ग्रामीण सड़कों और 40 फीसदी राष्ट्रीय राजमार्ग या शहरी सड़कों पर अनिवार्य तौर पर बसें चलाने की व्यवस्था की गई थी। सरकार ने 422 स्टेज कैरिज रूट परमिटों के लिए इस शर्त में छूट दे दी है। इन रूटों पर चलने वाली निजी बसों को ग्रामीण रूटों पर नहीं चलाना पड़ेगा।
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