
#खबर अभी अभी शिमला ब्यूरो*
22 सितंबर 2023

मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस के नए सत्र शुरू होने पर हुई रैगिंग के मामलों पर अटल मेडिकल एंड रिसर्च विवि नेरचौक सख्त हो गई है। विवि प्रबंधन ने तुरंत प्रभाव से इन मामलों में संबंधित मेडिकल कॉलेजों में बनी एंटी रैगिंग कमेटियों से रिपोर्ट तलब की है। आदेशों में मेडिकल विवि ने सख्त लहजे में कहा है कि यह गंभीर विषय है। इससे छात्र छात्राओं का मनोबल गिरता है। उन्होंने कहा कि सीनियर प्रशिक्षुओं की ओर से जूनियर से की जा रही रैगिंग सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन है। विवि ने रिपोर्ट में एंटी रैगिंग कमेटी से पूछा है कि मेडिकल कॉलेजों में एंटी रैगिंग प्रावधानों को किस तरह से लागू किया है।
यह भी बताएं कि आखिर कौन से कारण इन रैगिंग के मामलों में जिम्मेदार हैं। इसमें संलिप्त लोगों पर कड़ी कार्रवाई करें। एंटी रैगिंग कमेटी को कार्रवाई के लिए काफी शक्तियां दी गई हैं। रैगिंग के मामले में कमेटी सख्त कार्रवाई कर सकती है। विश्वविद्यालय के अधिकारियों के मुताबिक मेडिकल कॉलेजों में सत्र शुरू होने से पहले ही रैगिंग रोकने के लिए आदेश कॉलेज प्रबंधनों को जारी किए जाते हैं। इसमें प्रमुख है कि सत्र शुरू होने के एक सप्ताह तक कैंपस में कोई भी सीनियर प्रशिक्षु नहीं आ सकता है। अगर इस आदेश में कोताही होती है तो संबंधित कमेटी और कॉलेज प्रबंधन भी जवाबदेह होंगे। मेडिकल विवि ने एंटी रैगिंग कमेटियों को ऐसे मामलों को रोकने के लिए उनकी तरफ से जरूरी सुझाव भी देने को कहा है।
बता दें कि अब तक नेरचौक मेडिकल कॉलेज और टांडा मेडिकल कॉलेज में रैगिंग के मामले सामाने आए हैं। एंटी रैगिंग कमेटी ने कार्रवाई करते हुए नेरचौक मेडिकल कॉलेज में छह छात्र छात्राओं को छह माह के लिए हॉस्टल से और तीन माह के लिए शैक्षणिक सत्र से हटाया गया है। वहीं, टांडा मेडिकल कॉलेज में 12 प्रशिक्षु डॉक्टरों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है।
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