क्षमता से अधिक भवन निर्माण के कारण शिमला, मैक्लोडगंज और धर्मशाला में दरक रही भूमिगत चट्टानें

#खबर अभी अभी धर्मशाला ब्यूरो*

12 जनवरी 2023

उत्तराखंड के जोशीमठ की त्रासदी के बीच हिमाचल प्रदेश को लेकर भी एक बार फिर भू-गर्भ वैज्ञानिक चिंता में पड़ गए हैं। क्षमता से अधिक भवन निर्माण के कारण प्रदेश की राजधानी शिमला, मैक्लोडगंज और धर्मशाला में भूमिगत चट्टानें लगातार दरक रही हैं। भू-गर्भ वैज्ञानिकों ने आगाह किया है कि यदि समय रहते  अनियंत्रित और अवैज्ञानिक निर्माण नहीं रोका, तो देर-सवेर यहां भी जोशीमठ जैसा हाल होगा।

सेंट्रल यूनिवर्सिटी धर्मशाला के भू विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. अंबरीश महाजन ने बताया कि धर्मशाला, मैक्लोडगंज और राजधानी शिमला में क्षमता से अधिक भवन निर्माण हो रहा है। भौगोलिक परिस्थितियों को बिना ध्यान में रखे ऊंची इमारतों का निर्माण किया जा रहा है, लेकिन पानी की निकासी पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। अवरोधों के कारण पानी रिसकर जमीन में जाकर मिट्टी को कमजोर कर रहा है, जिससे पहाड़ों के दरकने का खतरा बढ़ रहा है।

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