ग्रांफू से समदो तक सात नहीं, अब चार घंटे में पहुंचेगी सेना, अगले साल तक होगी डबललेन

चीन अधिकृत तिब्बत सीमा तक सैन्य पहुंच को और अधिक मजबूत बनाने पर तेजी से काम चल रहा है। ग्रांफू-काजा-समदो हाईवे-505 को समदो तक डबललेन बनाने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है। वर्तमान में ग्रांफू से समदो तक की 211 किमी की दूरी तय करने में सेना को सात घंटे का समय लगता है। सड़क के डबललेन बनने के बाद यह दूरी मात्र चार घंटे में तय की जा सकेगी। यह सड़क भारत-चीन सीमा पर स्थित सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण समदो पोस्ट तक सेना की त्वरित पहुंच सुनिश्चित करेगी। करीब 1,400 करोड़ रुपये की लागत से इस 211 किमी लंबी सड़क का निर्माण कार्य चार चरणों में किया जा रहा है।
इनमें बातल से लोसर और लोसर से काजा के दो चरणों का निर्माण कार्य सीमा सड़क संगठन ने शुरू कर दिया है। वहीं, बातल से लोसर के बीच का कार्य अभी धीमी गति से चल रहा है, जिसे लेकर बीआरओ ने निर्माण कंपनी को चेतावनी दी है। पूर्व विधायक रवि ठाकुर ने कहा कि सड़क निर्माण से न केवल सामरिक दृष्टि से मजबूती मिलेगी, बल्कि इससे स्पीति के पर्यटन और स्थानीय विकास को भी भारी बल मिलेगा। ग्रांफू से समदो तक बेहतर सड़क संपर्क स्थानीय लोगों के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा और आपातकालीन सेवाओं तक त्वरित पहुंच सुनिश्चित करेगा।
चौथा चरण भी शुरू
बीआरओ के अधिकारी ने बताया कि इस परियोजना का चौथा चरण काजा से समदो तक भी गति पकड़ चुका है, जिसके लिए निविदा प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और शीघ्र ही निर्माण आरंभ होने की संभावना है। भारत-चीन सीमा तक सेना की सहज और त्वरित पहुंच सुनिश्चित करने को लेकर केंद्र सरकार गंभीर है। इसी के चलते इस सड़क की न केवल मरम्मत की जा रही है, बल्कि इसे पूर्ण रूप से डबल लेन बनाकर युद्ध स्तर पर तैयार किया जा रहा है।

Share the news