
#खबर अभी अभी दिल्ली ब्यूरो*
12 सितंबर 2023

भारत के चंद्रयान मिशन ने अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक समुदाय के लिए अब तक ‘बेजोड़ डाटा’ उपलब्ध कराया है, जिससे भविष्य में मानव बस्ती स्थापित करने की संभावना सहित विभिन्न आयामों से चंद्रमा की खोज का मार्ग प्रशस्त हुआ है। यह दावा किया है प्रख्यात वैज्ञानिक देबीप्रसाद दुआरी ने।
दुआरी ने कहा कि इसरो के तीन चंद्रयान मिशनों ने चंद्रमा पर पानी या बर्फ की उपस्थिति, वहां मिले अज्ञात खनिजों, तत्वों और तापमान में बदलाव पर अधिक प्रकाश डाला है। उन्होंने कहा, ‘सभी चंद्रयान मिशनों ने न केवल भारत के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए बेजोड़ डाटा उपलब्ध कराया है। चंद्रयान-1 ने 2008 में चंद्रमा खनिज मैपर (नासा और इसरो के बीच सहयोगी उपकरण) का उपयोग किया था, और पहली बार ध्रुवीय क्षेत्र के पास 60,000 करोड़ लीटर पानी की बर्फ की उपस्थिति के बारे में बताया था।
उन्होंने अपने कोलकाता कार्यालय में बातचीत के दौरान पीटीआई से बातचीत में उन्होने कहा, ”इस सूचना के आधार पर रॉकेट ईंधन और सिंथेटिक बायोस्फीयर बनाने सहित अन्य क्षेत्रों में इसके इस्तेमाल की पहचान की गई जहां मनुष्य रह सकते हैं।” दुआरी ने कहा कि चंद्रयान-2 मिशन (2019) में लैंडर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने में नाकाम रहा लेकिन उसने चार साल तक चंद्रमा की परिक्रमा की जिससे ‘ज्ञान, सूचना, डाटा और तस्वीरों का खजाना’ मिला।
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