चुनाव आयोग को कंट्रोल कर रही भाजपा, चुनाव सुधारों पर चर्चा के दौरान राहुल का बड़ा आरोप

नई दिल्ली | लोकसभा में मंगलवार को चुनाव सुधार पर चर्चा के दौरान हंगामा देखने को मिला। चुनाव सुधारों पर बोलते हुए लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने वोट चोरी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि मैने दिखाया कि किस तरह वोटों की चोरी हो रही है, उसके बाद भी कोई एक्शन नहीं हुआ, सब मिले हुए हैं। उन्होंने कहा कि वोट चोरी का मुद्दा अहम है, हमने हरियाणा-कर्नाटक में गड़बड़ी साबित की। इस दौरान उन्होंने आरएसएस का भी नाम लिया, जिसके बाद थोड़ी देर के लिए संसद में हंगामा भी हुआ। राहुल गांधाी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि आरएसएस और भाजपा देश की संस्थाओं पर कब्जा कर रहे हैं।

इनमें चुनाव आयोग, ईडी, सीबीआई, आईबी, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट शामिल हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि आरएसएस ने देश की शिक्षण और संवैधानिक संस्थाओं पर पूरी तरह कब्जा कर लिया है। चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि आयोग अब स्वतंत्र अंपायर की भूमिका में नहीं है, बल्कि वह सत्ता पक्ष के साथ ‘तालमेल’ बिठाकर काम कर रहा है। राहुल गांधी ने इसे लोकतंत्र के लिए खतरनाक बताते हुए कहा कि विपक्ष की लड़ाई अब सिर्फ एक राजनीतिक दल से नहीं, बल्कि उस पूरी व्यवस्था से है जिसे सुनियोजित तरीके से हाईजैक कर लिया गया है।

सीसीटीवी नष्ट करने के नियम में हो बदलाव

राहुल गांधी ने कहा कि चुनाव सुधार के लिए क्या चाहिए? नंबर एक, सभी राजनीतिक दल को चुनाव से एक महीने पहले मशीन से पढ़ी जा सकने वाली वोटर लिस्ट दें। यह पहला कदम है। दूसरा कदम है उस कानून को वापस लेना जो सीसीटीवी और सीसीटीवी फुटेज को नष्ट करने की इजाजत देता है। साथ ही, हमें बताएं कि ईवीएम का आर्किटेक्चर क्या है? हमें ईवीएम का एक्सेस दें। हमारे एक्सपट्र्स को जाकर देखने दें कि ईवीएम के अंदर क्या है। आज तक, हमें ईवीएम का एक्सेस नहीं मिला है। हमें फिजिकली जाकर ईवीएम देखने की इजाजत नहीं है। आखिर में, प्लीज उस कानून को बदलें जो इलेक्शन कमिश्नर को जो चाहे करने की इजाजत देता है। आपको बस इतने ही इलेक्शन रिफॉर्म की जरूरत है।

एसआईआर के बहाने एनआरसी वाला काम कर रहे

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव चुनाव आयोग पर आरोप लगाया कि रामपुर का उपचुनाव निष्पक्ष तरीके से नहीं कराया गया। सरकार और चुनाव आयोग मिलकर एसआईआर के बहाने अंदर ही अंदर एनआरसी वाला काम कर रहे हैं। यूपी के सीएम कह रहे हैं कि हम डिटेंशन सेंटर बना रहे हैं। जो ये खुलकर नहीं कर सकते हैं वे एसआईआर के बहाने कर रहे हैं।

ईवीएम की जगह बैलेट पैपर से हों चुनाव

लोकसभा में चुनाव सुधारों पर बहस में बोलते हुए कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि यहां कई सदस्यों को भारत के चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाने पड़ रहे हैं। उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव से पहले सरकारें लोगों के खातों में 10-15 हजार रुपए डाल देती हैं और चुनाव जीत जाती हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर यह सिलसिला जारी रहा, तो किसी राज्य में सत्ता परिवर्तन होना मुश्किल हो जाएगा। देश के 12 राज्यों में किया जा रहा एसआईआर गैरकानूनी है। संविधान में पूरे राज्य में एक साथ एसआईआर को लेकर कोई कानून नहीं है, इसे तत्काल रोकें। देश में चुनावों से पहले डायरेक्ट कैश ट्रांसफर करने पर रोक लगनी चाहिए, चुनाव ईवीएम की जगह बैलेट पैपर से कराए जाने चाहिए।

चुनाव आयुक्तों को दिए मलाईदार पद, हमें न सिखाएं नैतिकता

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस को इतिहास का आईना दिखाते हुए करारा जवाब दिया है। दुबे ने आरोप लगाया कि आज जो कांग्रेस ‘लोकतंत्र और संस्थाओं’ की दुहाई दे रही है, उसी ने अतीत में मुख्य चुनाव आयुक्तों को रिटायरमेंट के बाद मलाईदार पदों से नवाजने की परंपरा शुरू की थी। हमें नैतिकता न सिखाएं।

देश अब पूरी तरह रिफॉर्म एक्सप्रेस के दौर में

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को एनडीए संसदीय दलों की बैठक हुई। इस बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि देश अब पूरी तरह से ‘रिफॉर्म एक्सप्रेस’ फेज में है। जहां सुधार तेजी से और साफ इरादे के साथ हो रहे हैं। पीएम मोदी ने एनडीए के सांसदों को जनता के बीच जाने को कहा है। साथ ही अगला टार्गेट बंगाल चुनाव को बताया है। पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि सरकार के सुधार पूरी तरह से नागरिक केंद्रित हैं, न कि सिर्फ आर्थिक या रेवेन्यू पर फोकस हैं। पीएम ने एनडीए सांसदों से कहा कि लक्ष्य लोगों की रोजमर्रा की रुकावटों को दूर करना है, ताकि वे अपनी पूरी क्षमता से आगे बढ़ सकें। पीएम ने एनडीए सांसदों से आम लोगों की असली समस्याओं को सक्रिय रूप से शेयर करने का आग्रह किया है, ताकि रिफॉर्म एक्सप्रेस हर घर तक पहुंच सके और रोजमर्रा की मुश्किलों को दूर कर सकें। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि वह 30-40 पेज के फॉर्म और गैर जरूरी कागजात के कल्चर को खत्म करना चाहते हैं। इस बात पर जोर देते हुए कि हमें नागरिकों के दरवाजे पर सेवाएं देनी हैं।

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