छह साल से छोटे बच्चे भी पहली कक्षा में होंगे दाखिल

#खबर अभी अभी मंड़ी ब्यूरो*

18 अक्तूबर 2024

उच्च न्यायलय ने प्रदेश भर के हजारों छात्रों को राहत देते हुए इस शैक्षणिक वर्ष में छह साल से छोटे बच्चों को पहली कक्षा में दाखिला देने से इंकार नहीं किये जाने का फैसला सुनाया है। प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करते हुए इस वर्ष से पहली कक्षा में प्रवेश की आयु छह साल निर्धारित की थी। ऐसे में प्रदेश भर के छह साल से कम आयु के हजारों छात्र पहली कक्षा में प्रवेश लेने से वंचित हो गए थे। ऐसे में याचिकाकर्ताओं ने अधिवक्ता नीरज कुमार शाश्वत व अन्य अधिवक्ताओं ने आधा दर्जन याचिकाएं प्रदेश उच्च न्यायलय में दायर की थी

उच्च न्यायलय ने अपने फैसले में कहा कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत 6 साल से 14 साल तक के बच्चे को अनिवार्य और मुक्त शिक्षा का प्रावधान है। उच्च न्यायलय ने अपने फैसले में कहा कि याचिकाकर्ता की तरह के छात्रों को यूकेजी में दूसरी बार बैठाने से नई शिक्षा नीति 2020 का कोई प्रयोजन हल नहीं होता। क्योंकि बाल वाटिका-एक, दो और तीन का पाठ्यक्रम तक अभी तक तैयार नहीं किया गया है और न ही इनके लिए प्रशिक्षित शिक्षक भी अभी तक मौजूद हैं। ऐसे में न्यायलय ने याचिकाओं को स्वीकारते हुए प्रदेश सरकार को नयी शिक्षा नीति-2020 को चरणबद्ध तरीके से लागू करने के आदेश जारी किए हैं। इसके अलावा शैक्षणिक वर्ष 2024-25 के जिन छात्रों की आयु छह साल से कम है और जिन्होंने प्री-स्कूल शिक्षा पाठयक्रम पूरा किया है उन्हें पहली कक्षा में प्रवेश लेने से इंकार नहीं करने का फैसला सुनाया है।

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