#जिला अस्पताल में बना एमसीएच उद्घाटन के बाद मात्र ओपीडी तक सीमित रह गया*

जिला अस्पताल में बना एमसीएच उद्घाटन के बाद मात्र ओपीडी तक सीमित रह गया

जिला अस्पताल बिलासपुर में एमसीएच में काई भी मरीज भर्ती नहीं होने के कारण बंद किया गया मुख्य द्वार

#खबर अभी अभी सोलन बूयरो*

01 नवंबर 2022

जिला अस्पताल में बना एमसीएच उद्घाटन के बाद मात्र ओपीडी तक सीमित रह गया है। भवन और मशीनों पर 14.34 करोड़ रुपये के बजट खर्च किए गए हैं। लेकिन जमीनी हकीकत ये है कि मशीनों का पूरी तरह से संचालन नहीं होने की वजह से यहां एक भी मरीज को भर्ती नहीं किया जा सका है। एमसीएच में अभी सिर्फ गायनी और शिशु रोग विशेषज्ञ की ओपीडी ही चल रही है।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद ने 11 अक्तूबर को एमसीएच का शुभारंभ किया था। उस दौरान दावा किया था कि उद्घाटन के बाद यहां गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं को इलाज से संबंधी सभी सुविधाएं एक ही छत के नीचे मिलेगी। लेकिन फिलहाल स्थिति इसके ठीक उलट है। मशीनों का पूरी तरह सेटअप नहीं होने और सफाईकर्मियों की कमी के कारण एमसीएच में न तो गर्भवती महिलाओं और न ही नवजात शिशुओं को भर्ती किया जा रहा है। इसके अलावा ऑपरेशन थियेटर शुरू हुए हैं। गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं को अभी भी अस्पताल के पुराने वार्ड में ही भर्ती किया जा रहा है। बता दें कि एमसीएच में दो मॉडर्न ऑपरेशन थियेटर और लेबर रूम तैयार किए गए हैं। इसके अलावा लेबर रूम में आठ आधुनिक टेबल भी लगे हैं। तीसरी और चौथी मंजिल पर स्पेशल न्यू बोर्न चाइल्ड वॉर्ड और महिला वार्ड है। दोनों वार्ड में 50 आधुनिक बेड की सुविधा है। लेकिन इन सभी सुविधाओं से मरीज अभी वंचित हैं।

जिला अस्पताल बिलासपुर के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संजीव वर्मा ने बताया कि एमसीएच में मशीनों को स्थापित किया जा रहा है। वहां गायनी और शिशु रोग विशेषज्ञ की ओपीडी को चला दिया गया है। जल्द ही मरीजों को दाखिल करना भी शुरू कर दिया जाएगा।

 

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