
हिमाचल प्रदेश में मौसम के मिजाज लगातार बदल रहे हैं। शनिवार को एक बार फिर से मौसम ने करवट बदली और हिमालयी चोटियों पर रुक रुककर बर्फबारी होती रही, जिससे समूचा राज्य ठंड की चपेट में आ गया है। राज्य के अन्य क्षेत्रों में कहीं बर्फबारी, कहीं सर्द हवाएं और कहीं घने कोहरे ने जनजीवन भी प्रभावित किया है। पहाड़ों की राजधानी शिमला में वीक एंड पर बादलों की मोटी चादर छाई रही, तब ऊंची हिमालयी चोटियों पर बर्फ के फाहे गिरते रहे। राज्य के प्रसिद्ध पर्यटन क्षेत्र शिमला, कुफरी और मनाली में दिन भर बादल छाए रहे, जबकि निचले और मैदानी इलाकों में धूप और कोहरे के बीच आंखमिचौली चलती रही। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, लाहुल-स्पीति और किन्नौर जिलों में अगले 24 घंटों के दौरान बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई है। इसके बाद 22 से 26 दिसंबर तक पूरे प्रदेश में मौसम के साफ रहने का अनुमान है। हालांकि 25 दिसंबर से पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की संभावना है, लेकिन इसके प्रभावी न होने के कारण प्रदेश में बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं है। वहीं उत्तर भारत में घने कोहरे और धुंध का असर रेल सेवाओं को भी प्रभावित कर रहा है। ऊना पहुंचने वाली रेल सेवाएं काफी देरी से ऊना पहुंच रही हैं। वहीं ऊना से चलने वाली रेल सेवाएं भी अपने गंतव्यों पर काफी लेट पहुंच रही हैं। ऐसे में रेल यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। शनिवार को हिमाचल एक्सप्रेस ट्रेन तीन घंटे, ऊना इंदौर एक्सप्रेस रेल दो घंटे देरी से ऊना पहुंची। पैंसेजर ट्रेन ऊना-हरिद्वार समय पर पहुंच गई थी, लेकिन धुंध के चलते उक्त ट्रेन ऊना से देरी से चली। इसके अलावा वंदे भारत ट्रेन करीब 15 मिनट देरी से ऊना पहुंची है। वहीं अंब-अंदौरा-अंबाला कैंट पैसेंजर ट्रेन को रद्द कर दिया गया। राज्य के मैदानी जिलों में कोहरे ने सबसे ज्यादा परेशानी बढ़ाई है।
बिलासपुर जिले में दृश्यता घटकर महज 50 मीटर तक पहुंच गई। इससे सुबह और देर रात के समय यातायात पर असर रहा। मौसम विभाग ने 22, 23 और 24 दिसंबर को बिलासपुर जिला के भाखड़ा डैम जलाशय क्षेत्र और मंडी की बल्ह घाटी में घने कोहरे का येलो अलर्ट जारी किया है। हिमालयी क्षेत्रों में हुए ताजा हिमपात से जनजातीय क्षेत्रों में ठंड का असर सबसे ज्यादा रहा, जहां लाहुल-स्पीति के कुकुमसेरी में न्यूनतम तापमान माइनस 5.7 और ताबो में माइनस 2.9 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। पिछले 24 घंटों में प्रदेश के औसत न्यूनतम तापमान में करीब दो डिग्री सेल्सियस का उछाल आया है। शनिवार को विभिन्न शहरों के न्यूनतम तापमान की बात करें तो शिमला में 11.8 डिग्री सेल्सियस, कुफरी में 10.2, मनाली में 5.4, धर्मशाला में 7.8, सोलन में 4.0, पालमपुर में 5.5, कांगड़ा में 6.0, मंडी में 5.9, हमीरपुर और ऊना में 5.5-5.5, बिलासपुर में 7.5, बरठीं में 5.6, नाहन में 9.4 और कसौली में 11.7 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया। ठंड के बावजूद पर्यटन स्थलों पर सैलानियों की आवाजाही बनी हुई है। शिमला और मनाली में बड़ी संख्या में पर्यटक बर्फबारी की उम्मीद लेकर पहुंच रहे हैं। हर साल की तरह इस बार भी सैलानी क्रिसमस पर ‘व्हाइट क्रिसमस’ की आस लगाए बैठे हैं, लेकिन मौसम विभाग के अनुसार 25 दिसंबर को शिमला और मनाली में बर्फबारी की संभावना नहीं है। इस बीच लंबे समय से बारिश न होने के कारण प्रदेश में सूखे जैसे हालात बनने लगे हैं। दिसंबर महीने में अब तक एक बूंद भी बारिश दर्ज नहीं हुई है और वर्षा सामान्य से 100 फीसदी कम रही है। इसका सीधा असर फसलों और बागवानी पर पड़ रहा है। निचले जिलों में कई जगह गेहूं की बुवाई नहीं हो पाई है, जिससे किसान चिंतित नजर आ रहे हैं। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि यदि जल्द ही अच्छी बारिश या बर्फबारी नहीं हुई तो इसका असर आने वाले रबी सीजन पर साफ दिखाई देगा।





