अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद देश के हालात लगातार बदतर होते जा रहे हैं। खाने के संकट कारण लोग भुखमरी की कगार पर पहुंच गए है। भूख से बिलखते बच्चों के लिए माएं ऐसी दुआएं मांग रही हैं जो दिल को दहला दे और इंसानियत को शर्मसार कर दे। मांएं खुदा से गुहार लगा रही हैं कि उनके बच्चे गहरी नींद में सो जाए लेकिन खाना न मांगें। क्योंकि खाने के लिए एक दाना तक नहीं है। यही नहीं मजबूर मांएं भूखे बच्चे खाना न मांगे इसलिए उनको गहरी नींद में सुलाने के लिए न चाहते हुए भी नींद की दवा देकर सुला रही हैं।
ये भयावह मंजर अफगानिस्तान में अब आम देखने को मिल रहा है। इस देश में तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद आर्थिक, सामाजिक, मानवीय और मानवाधिकार संकट बढ़ता जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम (वर्ल्ड फूड प्रोग्राम WFP) के अनुसार, अफगानिस्तान की आधी आबादी खाद्य असुरक्षा का समाना कर रही है। वहीं 95 फीसदी आबादी के पास खाने के लिए पर्याप्त भोजन ही नहीं है। इस देश में पांच से कम आयु के 10 लाख से अधिक बच्चे गंभीर कुपोषण का शिकार हो चुके हैं।पहले से ही आर्थिक संकट का सामना कर रहे अफगानिस्तान में तालिबान शासन के आने से अंतर्राष्ट्रीय सहायताएं भी बिल्कुल खत्म हो चुकी हैं।
ह्यूमन राइट्स वॉच के एक्सपर्ट के मुताबिक, 15 अगस्त 2021 से ही अफगानियों का जीवन नर्क जैसा हो गया था। ये देश दुनिया के सबसे खराब मानवीय संकटों का सामना कर रहा है।लोग भुख से मर रहे हैं। देश में जहां गरीबी और भुखमरी बढ़ रही हैं वहीं महिलाओं पर सख्त पांबदियां लगाई जा रही हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अफगानिस्तान के हालात इतने खराब हो गए है कि घरवालों के पास अपने बच्चों को कुछ खिलाने के लिए रोटी तक नसीब में नहीं है।
भूखे बच्चों को नींद की दवा देकर सुलाया जा रहा है ताकि वो खाना न मांगे। बता दें कि 15 अगस्त 2021 को अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता में आने के बाद लोगों और खासकर महिलाओं की जिंदगी नारकीय हो गई है । पहले से ही कई संकटों का सामना कर रहा था अफागनिस्तान और ऐसे में ही तालिबानी सत्ता ने इस देश की स्थिति को और ज्यादा बदतर बनाने का काम कर दिया।