# धर्मशाला समेत 20 स्टेडियमों में बिना अनुमति इस्तेमाल हो रहा भूजल, एनजीटी का नोटिस |

खबर अभी अभी ब्यूरो सोलन

Ground water is being used without permission in 20 stadiums including Dharamshala, NGT notice

एनजीटी ने हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (एचपीसीए) के धर्मशाला समेत देशभर के 20 स्टेडियमों में बिना अनुमति भूजल का इस्तेमाल करने पर कड़ा संज्ञान लिया है।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (एचपीसीए) के धर्मशाला समेत देशभर के 20 स्टेडियमों में बिना अनुमति भूजल का इस्तेमाल करने पर कड़ा संज्ञान लिया है। एनजीटी ने केंद्रीय भूजल प्राधिकरण को नोटिस जारी कर इनके खिलाफ की गई कार्रवाई की रिपोर्ट तलब की है। ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव, न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और विशेषज्ञ सदस्य डॉक्टर ए सेंथिल वेल की पीठ ने यह आदेश दिए। एनजीटी ने स्पष्ट किया है कि प्राधिकरण मानकाें पर खरे न उतरने वाले स्टेडियमों के खिलाफ जुर्माना और पर्यावरण मुआवजा लगाने के बारे में विस्तार से बताए। एनजीटी ने जल शक्ति मंत्रालय की रिपोर्ट का अवलोकन कर पाया कि एचपीसीए स्टेडियम समेत देश भर में 26 में से 24 क्रिकेट स्टेडियमों में बोरवेल या ट्यूबवेल पाए गए हैं।

इनमें भूजल का इस्तेमाल करने के लिए 20 स्टेडियमों के पास अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) नहीं हैं। देश के सिर्फ चार ऐसे स्टेडियम हैं जो पूरी तरह से नियमों के अनुरूप हैं। इन चारों में वर्षा जल संचयन प्रणाली, सीवेज उपचार संयंत्र, और भूजल का उपयोग करने के लिए केंद्र सरकार से जारी अनापत्ति प्रमाणपत्र है। याचिकाकर्ता हैदर अली ने क्रिकेट मैदानों के रखरखाव के लिए भूजल के उपयोग के खिलाफ आवेदन दायर किया है। आरोप लगाया गया है कि सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) से उपचारित पानी का उपयोग करने और वर्षा जल संचयन प्रणाली जैसे विकल्पों के बिना ही भूजल इस्तेमाल हो रहा है। यदि भूजल को खेल के मैदानों के लिए इस्तेमाल किया जाएगा तो लोग पीने योग्य पानी से वंचित हो जाएंगे।

नरेंद्र मोदी स्टेडियम अहमदाबाद समेत चार हैं नियमों के अनुरूप
देश भर के 26 स्टेडियमों में से सिर्फ चार स्टेडियम ही सभी मानकों को पूरा करते हैं। इनमें नरेंद्र मोदी स्टेडियम मोटेरा अहमदाबाद, एम चिन्नास्वामी स्टेडियम बंगलूरू, वीसीए स्टेडियम जामथा नागपुर और जेएससीए इंटरनेशनल स्टेडियम कॉम्प्लेक्स रांची शामिल है। इनमें वर्षा जल संचयन प्रणाली, सीवेज उपचार संयंत्र और भूजल का उपयोग करने के लिए केंद्र से जारी अनापत्ति प्रमाणपत्र है।

हिमाचल सहित 10 स्टेडियम नहीं कर रहें है नियमों का पालन
एचपीसीए स्टेडियम धर्मशाला समेत देश में 10 ऐसे स्टेडियम हैं जो किसी भी नियम का पालन नहीं कर रहे हैं। इनमें न तो वर्षा जल संचयन प्रणाली है और न सीवेज उपचार संयंत्र। भूजल का उपयोग करने के लिए भी इनके पास सरकार से जारी अनापत्ति प्रमाणपत्र नहीं है। इनमें डॉ. वाईएस राजशेखर रेड्डी एसीए-वीडीसीए क्रिकेट स्टेडियम विजाग, एसीए स्टेडियम बारसापारा असम, शहीद वीर नारायण सिंह अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम रायपुर, ईडन गार्डन कोलकाता, एचपीसीए स्टेडियम धर्मशाला, ब्रेबॉर्न स्टेडियम क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया (सीसीआई), बाराबती स्टेडियम कटक उड़ीसा, आईएस बिंद्रा क्रिकेट स्टेडियम मोहाली, सवाई मानसिंह स्टेडियम जयपुर और स्पोर्ट्स हब इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम त्रिवेंद्रम शामिल हैं। इसके अलावा देश के 12 स्टेडियम आंशिक रूप से नियमों का पालन कर रहे हैं।

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