
#खबर अभी अभी सराहां ब्यूरो*
22 नवम्बर 2024
समाज को मानसिक रूप से बीमार बना रहा नशा
बढ़ते नशे के प्रचलन पर रोक लगाने के लिए आज के समय में प्रत्येक व्यक्ति विशेष अपने स्तर पर कार्य कर रहा है,उसी दिशा में अब सरकारी व निजी शिक्षण संस्थान भी अपनी अहम भूमिका अदा कर रहे है ।बढ़ते नशे के प्रचलन पर रोक लगाने के लिए एसवीएन पब्लिक स्कूल ने लोकगीत व नृत्य के माध्यम से समाज में जागरूकता फैलाने का कार्य किया । सराहां में चली दो दिवसीय कबड्डी प्रतियोगिता के दौरान एसवीएन स्कूल सराहां के छात्र छात्राओं लोकगीत,भाषण व नृत्य के माध्यम से युवाओं को नशे के प्रति जागरूक किया ओर जन जन को इसके दुष्प्रभाव के बारे में अवगत करवाया।
एसवीएन स्कूल सराहां के एम डी एम पॉल नेहरू का कहना है कि नशा एक अभिशाप है। यह एक ऐसी बुराई है, जिससे इंसान का अनमोल जीवन समय से पहले ही मौत का शिकार हो जाता है। नशे के लिए समाज में शराब, गांजा, भांग, अफीम, जर्दा, गुटखा, तंबाकू व धूमपान, चरस, स्मैक, ब्राउन शूगर जैसे घातक मादक दवाओं व पदार्थो का उपयोग किया जा रहा है। इन पदार्थो के सेवन से व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक व आर्थिक हानि पहुंचने के साथ सामाजिक वातावरण भी प्रदूषित होता है। साथ ही स्वयं व परिवार की सामाजिक स्थिति को भी नुकसान पहुंचता है। वह नशे से अपराध की ओर अग्रसर हो जाता है। नशा अब एक अंतरराष्ट्रीय विकराल समस्या बन गई है। बच्चों से लेकर बड़े-बुजुर्ग व विशेषकर युवा वर्ग बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। इस अभिशाप से समय रहते मुक्ति पाने में ही मानव समाज की भलाई है





