
शिमला: हिमाचल सरकार ने प्रदेश पर्यटन विकास निगम के घाटे में चल रहे 14 होटल प्राइवेट सेक्टर को देने का निर्णय लिया है। सरकार के प्रिंसीपल सेक्रेटरी टूरिज्म ने पर्यटन निगम के प्रबंध निदेशक को इस बारे में तीन महीने के भीतर प्रक्रिया पूरी करने को कहा है। इस बारे में कैबिनेट ने 28 जून को फैसला लिया था। निगम के एमडी के अनुसार यह कैबिनेट का फैसला है, जिसे लागू किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि यह मामला हाई कोर्ट में भी चर्चा में रहा, जब निगम अपने रिटायर कर्मियों को उनके तय लाभ नहीं दे पा रहा था। तब अदालत ने घाटे वाले निगम के होटल बंद करने को कहा था। फिलहाल सरकार ने इस बारे में अब अपनी तरफ से आदेश जारी किए हैं कि घाटे वाले होटलों को निजी सेक्टर में दिया जाए।
हाई कोर्ट ने 18 होटल बंद करने के दिए थे आदेश
हाई कोर्ट ने पिछले साल निगम के 18 होटल बंद करने के आदेश दिए थे। इस आदेश के खिलाफ सरकार ने अपील की थी। अदालत ने नौ होटलों को 31 मार्च, 2025 तक चलाने की सशर्त इजाजत दे दी थी। तब अदालत ने कहा था कि यदि 31 मार्च तक ये होटल फायदे में नहीं आए और अपना अधिकतम प्रदर्शन नहीं दिखा पाए, तो इस फैसले का पुन: अवलोकन कर फिर से उपयुक्त आदेश जारी किए जाएंगे। हाई कोर्ट ने पूर्व में 19 नवंबर, 2024 को होटल बंद करने का फैसला दिया था।
ये होटल होंगे प्राइवेट
— होटल हिलटॉप स्वारघाट
— होटल गिरिगंगा खड़ापत्थर
— होटल लेकव्यू बिलासपुर
— होटल चांशल रोहडू
— होटल बघाल दाड़लाघाट
— टूरिज्म इन्न राजगढ़
— वे साइड एमिनिटी भराड़ीघाट
— होटल सरवरी कुल्लू
— होटल ममलेश्वर चिंडी
— होटल ओल्ड रोज कॉमन कसौली
— होटल एप्पल ब्लाज्म फागू
— कश्मीर हाउस धर्मशाला
— होटल शिवालिक परवाणू
— होटल उहल जोगिंद्रनगर





