

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा है कि नियुक्ति की तिथियों के आधार पर समान स्थिति वाले कर्मचारियों के बीच भेदभाव नहीं किया जा सकता है। न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ ने ऐसे कर्मियों को संशोधित वेतनमान का लाभ नहीं देने को भेदभावपूर्ण ठहराया। कोर्ट ने कहा कि 3 जनवरी 2022 और 6 सितंबर 2022 की अधिसूचनाओं में स्वीकार्य वित्तीय लाभ देने के उद्देश्य से याचिकाकर्ताओं को उनके अपने बैचमेट और जूनियर्स से अलग करने की कार्रवाई को स्वीकार नहीं किया जा सकता है।सरकार ने याचिकाकर्ताओं के बैचमेट और जूनियर्स को 3 जनवरी 2022 और 6 सितंबर 2022 की अधिसूचनाओं के तहत उच्च वेतनमान जारी किए थे। उन्हें 30 दिसंबर 2021 से 2 जनवरी 2022 के बीच नियुक्ति दी थी। याचिकाकर्ताओं को उच्च वेतनमान से वंचित कर दिया गया। तर्क दिया गया कि प्रार्थियों ने 3 जनवरी 2022 को नियमित कर्मचारी के रूप में नियुक्ति दी। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ताओं सहित 151 पदाधिकारियों की सेवाओं को नियमित करने वाले 30 दिसंबर 2021 के सामान्य आदेश के अवलोकन से यह स्पष्ट होता है कि सभी कर्मियों को नियमित कर्मचारी के रूप में शामिल होने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया था।



