नैनोकणों के एंटीफंगल गुणों पर मिला पेटेंट, चार सदस्यीय वैज्ञानिक दल में नौणी विवि की वैज्ञानिक शामिल

#खबर अभी अभी सोलन ब्यूरो*

10 जनवरी 2024

भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय द्वारा वैज्ञानिकों की चार सदस्यीय बहु-संस्थागत टीम को ‘नैनोकणों के एंटीफंगल गुणों’ पर पेटेंट प्रदान किया गया है। टीम में डॉ. यशवंत सिंह परमार औदयानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी की एक वैज्ञानिक शामिल हैं। विश्वविद्यालय के औदयानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय, नेरी, हमीरपुर में पादप रोग विज्ञान विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत डॉ. मोनिका शर्मा ने एमिटी यूनिवर्सिटी और आई॰एस॰आर॰सी॰ के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर इस पेटेंट को हासिल किया है।

नैनोकणों में नए रोगाणुरोधी एजेंटों के रूप में उपयोग करने की क्षमता है और इसलिए फसलों में रोगों के प्रबंधन के लिए सिंथेटिक कवकनाशी (synthetic fungicides) के विकल्प के रूप में इसका उपयोग किया जा सकता है। नैनोकणों में अपने लक्ष्य स्थलों के लिए उच्च प्रतिक्रियाशीलता होती है और इसलिए बहुत कम मात्रा पर भी फंगल रोगजनकों की वृद्धि और गतिविधि को प्रभावित करते हैं। डॉ. मोनिका पिछले छह वर्षों से नैनोकणों के एंटीफंगल गुणों के क्षेत्र में काम कर रही हैं और अंतरराष्ट्रीय ख्याति शोध पत्रिकाओं में शोध पत्र प्रकाशित कर चुकी हैं।

नौणी विवि के कुलपति ने वैज्ञानिकों के प्रयासों की सराहना की और कहा की बदलती जलवायु में कई रोगजनक समस्याओं का सामना कर रहे किसानों के लाभ के लिए इसे शोध को आगे बढ़ाने का जरूरत है। निदेशक अनुसंधान डॉ. संजीव चौहान ने भी शोधकर्ताओं को बधाई दी।

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